बालाघाट

न समय पर एम्बुलेंस पहुंचती है न अस्पताल में मिल पा रहा उपचार-

समय पर उपचार के अभाव के हो चुकी है प्रसूता की मौत आदिवासी महिला की मौत के बाद भी नहीं जाग रहे जिम्मेदार

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Aug 22, 2025
एम्बुलेंस और चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे पठार क्षेत्र के वासी

जिले के पाठर क्षेत्र के वासी पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य सुविधाओं की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। करीब एक दर्जन से अधिक गांव के हजारों ग्रामीणों को न समय पर एम्बुलेंस सेवा मिल रही है, न चिकित्सकीय उपचार। मजबूरन ग्रामीणों को दम तोडऩा पड़ रहा है। इस आशय का एक मामला भी पिछले दिनों आयुष्मान आरोग्य केन्द्र बम्हनी से सामने भी आ चुका है। एक आदिवसी प्रसूती महिला की रेफर करने के दौरान रास्ते में मौत हो गई। इस गंभीर घटना के बावजूद जिम्मेदारों ने अब तक कोई व्यवस्था नहीं बनाई है।

जानकारी के अनुसार मॉयल नगरी तिरोड़ी क्षेत्र के आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बम्हनी चिकित्सक विहीन है। यहां पदस्थ डॉक्टर भूपेंद्र गजभिए को कोरोना काल के दौरान कटंगी अस्पताल में अटैच कर दिया गया था। तब से बम्हनी स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक नहीं है। एम्बुलेंस सेवा के लाभ के लिए भी यहां के वाशिंदे कटंगी अस्पताल पर निर्भर बने हुए हंै।

जच्चा बच्चा की हो चुकी मौत

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत चाकाहेटी के अर्जुन टोला की 25 वर्षीय आदिवासी प्रसूति महिला सरिता चमन लाल कुम्भरे की पिछले दिनों मौत हुई है। ग्रामीणों की माने तो गत रविवार की रात्रि करीब साढ़े 09 बजे चमनलाल ने गांव की आशा कार्यकर्ता के साथ अपनी पत्नी सरिता को बम्हनी अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती करवाया था। अचानक से तबियत बिगडऩे पर स्वास्थ्य कर्मी ने सरिता को रेफर कर दिया। एंबुलेंस को कॉल करने पर 02 घंटे बाद पहुंचने की जानकारी मिली। निजी वाहन से सरिता को तुमसर लेकर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही जच्चा- बच्चा की मौत हो गई। परिजनों ने सोमवार को सरिता का अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बताया गया कि अधिक रक्त स्त्राव के कारण सरिता को रेफर किया गया था। 05 वर्ष पूर्व सरिता का चमन लाल के साथ विवाह हुआ था। सरिता पहली बार गर्भवती हुई थी।

स्वास्थ्य सेवा के लिए ये गांव आश्रत

ग्राम पंचायत आंजनबिहरी के सरपंच दीपक पुष्पतोड़े के अनुसार पठार अंचल में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बम्हनी स्वास्थ्य केन्द्र पर चाकाहेटी, अर्जुनटोला, सतीटोला, जामुनटोला, नीमटोला, सादाबोड़ी, रामजी टोला, आंजनबिहरी, दिग्धा, कोड़बी, हरदोली, पुलपुट्टा, छतेरा, टुईयापार, महकेपार और गोरेघाट आदि गांव आश्रित है। लेकिन यहां चिकित्सक नहीं होने से खासकर प्रसुति महिलाओं को प्रसव के लिए कटंगी या जिला मुख्यालय बालाघाट जाना पड़ता है। आदिवासी प्रसूता के मामले की तरह ही कई बार इस तरह की स्थिति निर्मित होती है। बावजूद इसके बम्हनी में स्थायी चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की जा रही है।

शिकायत पर नहीं सुनवाई

बम्हनी के ग्रामीण बताते हंै कई बार सीएम हेल्प लाइन में शिकायत कर अस्पताल में चिकित्सक की नियुक्ति की मांग की गई। लेकिन जिम्मेदार अनाप-शनाप जवाब बनाकर शिकायत को या विलोपित करवा देते हैं या उन्हीं पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि डॉ भूपेन्द्र गजभिए की नियुक्ति बम्हनी अस्पताल में है, उनका मासिक वेतन भी बम्हनी अस्पताल में सेवाएं देने के नाम पर निकल रहा है, लेकिन सेवाएं कटंगी में ली जा रही है।
वर्सन
बम्हनी अस्पताल में कोरोना से बाद से कोई डॉक्टर नहीं है। मरीज को लाने पर उसे बाहर रेफर कर दिया जाता है। यह अस्पताल 25 से 30 गांव के लिए हंै। अस्पताल में स्टाफ भी बहुत है। लेकिन कोई दिखते नहीं है।
विनोद डहरवाल, ग्रामीण बम्हनी

इस अस्पताल में डॉक्टर गजभिए पदस्थ हैं। लेकिन उन्हें भी कटंगी अस्पताल में अटैच कर दिया गया है। इस पूरे मामले की शिकायत बहुत बार की गई है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
राहुल राउत, ग्रामीण बम्हनी

बम्हनी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और एम्बुलेंस की वर्षो से दरकार है। अगर कोई बड़ा केश आता है, तो कटंगी अस्पताल लेकर जाया जाता है। दूरी अधिक होने से एंबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंचती। मरीज की मौत होने का डर बना रहता है। शासन प्रशासन डॉक्टर और एम्बुलेंस की व्यवस्था कर दें तो पठार क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
नितेश पुष्पतोड़े, जनपद सदस्य

बम्हनी स्वास्थ्य केन्द्र में डॉ सौरभ मजूमदार को पदस्थ किया जा रहा है। अभी वे अवकाश पर चल रहे हैं। आदेश हो गए हैं, शीघ्र ही वे ज्वाइन करेंगे। बम्हनी केन्द्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर की जा रही है।
डॉ पंकज दुबे, बीएमओ कटंगी

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