परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पैन कार्ड में भिन्नता से संबंधित एक महत्वपूर्ण पत्रावली के गायब होने का मामला सामने आया है।
Ballia Crime News: बलिया जनपद में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पैन कार्ड में भिन्नता से संबंधित एक महत्वपूर्ण पत्रावली के गायब होने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) मनीष कुमार सिंह ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, बेलहरी, बलिया में तैनात सहायक लेखाकार मनीष कुमार ओझा के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई है।
बताया जा रहा है कि यह मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर याचिका संख्या 8285/2025 (मनोज कुमार यादव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं तीन अन्य) से जुड़ा हुआ है। उच्च न्यायालय द्वारा 20 अगस्त 2025 को पारित आदेश के अनुपालन में प्रतिवाद शपथ-पत्र दाखिल किया जाना है, जिसके लिए उक्त पत्रावली अत्यंत आवश्यक थी।
बीएसए कार्यालय द्वारा जब पत्रावली की जानकारी की गई तो यह सूचित किया गया कि संबंधित फाइल सहायक लेखाकार मनीष कुमार ओझा के पास है। इसके बाद 30 सितंबर 2025 को उन्हें पत्रावली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए, लेकिन मनीष कुमार ओझा ने 3 अक्टूबर 2025 को पत्र भेजकर पत्रावली के संबंध में अनभिज्ञता व्यक्त की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए बीएसए द्वारा 14 अक्टूबर 2025 को एक त्रिस्तरीय समिति का गठन किया गया। समिति ने जांच के दौरान संबंधित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर आगे की कार्रवाई की संस्तुति की। इसके बाद 14 नवंबर 2025 को वरिष्ठ सहायक राजन राम और वरिष्ठ सहायक अनिल प्रकाश राय से भी स्पष्टीकरण मांगा गया, जिन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि उक्त पत्रावली मनीष कुमार ओझा के पास ही थी।
इतना ही नहीं, कार्यालय द्वारा तत्कालीन बीएसए मनीराम सिंह से भी पत्रावली के संबंध में जानकारी ली गई, जिन्होंने भी यह पुष्टि की कि पत्रावली सहायक लेखाकार मनीष कुमार ओझा के पास ही थी। जांच में यह तथ्य सामने आया कि न तो मनीष ओझा ने हस्ताक्षरित पत्र पर पटल सहायक से हस्ताक्षर कराए और न ही संबंधित पत्रावली पटल सहायक को सौंपी।
बीएसए मनीष कुमार सिंह ने अपनी तहरीर में उल्लेख किया है कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद में लंबित याचिका संख्या 8285/2025 में पारित आदेश के अनुपालन हेतु 16 दिसंबर 2025 से पूर्व प्रतिवाद शपथ-पत्र दाखिल किया जाना है, लेकिन पत्रावली के गायब होने के कारण यह कार्य बाधित हो रहा है। इसी आधार पर सहायक लेखाकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आवश्यक विधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।