CG News: वाहनों की आरसी बुक और अन्य दस्तावेज भी नहीं है। इन वाहनों को रिनोवेशन व डेंटिंग पेंटिंग कर उपयोग में लाया जा रहा हैं। कुछ हो गया तो इसकी जवाबदारी लेने वाला कोई नहीं हैं।
CG News: बालोद जिले में 15 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी एक साल से चल रही है, लेकिन जिले के सरकारी विभागों में खुलेआम 15 -20 साल पुराने वाहनों को चलाया जा रहा है। कुछ ऐसे सरकारी वाहन हैं, जो कंडम हो चुके हैं। ऐसे वाहनों की आरसी बुक और अन्य दस्तावेज भी नहीं है। इन वाहनों को रिनोवेशन व डेंटिंग पेंटिंग कर उपयोग में लाया जा रहा हैं। कुछ हो गया तो इसकी जवाबदारी लेने वाला कोई नहीं हैं। जिले के स्वास्थ्य विभाग, पीएचई सहित अन्य विभाग में पुराने सरकारी वाहनों का उपयोग किया जा रहा है। जबकि बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए पुराने वाहनों को सड़कों से हटाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में 18 साल पुराने वाहनों का उपयोग
जिले के स्वास्थ्य विभाग में दो से अधिक वाहन का उपयोग अधिकारी व विभाग की टीम विभागीय कार्य, गांवों एवं स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करने में उपयोग करते हैं। वहीं वाहन कंडम व 18 साल पुराना है। जिसमें वाहन नंबर सीजी 02-410७, सीजी 02-2341 शामिल हैं।
आरटीओ के पास लगभग 100 पुराने वाहनों की सूची
दुर्ग जिले के समय पुराने वाहन आज भी जिले की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। जिले के गुरुर, डौंडी, बालोद, गुंडरदेही में भी पुराने वाहनों को उपयोग में लिया जा रहा है। पड़ोसी जिले दुर्ग में पुराने वाहनों का उपयोग सरकारी विभागों में बंद है।
जिले के कितने विभागों में कंडम वाहनों का उपयोग किया जा रहा है, इसकी जानकारी आरटीओ ने मंगाई है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जिले में 115 साल से भी ज्यादा पुराने 100 वाहन है। जिला बनने के बाद कई वाहनों के नंबर दुर्ग जिला पासिंग के हैं। पहले बालोद के सभी पांच विकासखंड दुर्ग जिले में आते थे।