अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बालोद व दल्लीराजहरा रेलवे स्टेशन का काम नए साल के जनवरी माह तक पूरा कर पाना संभव नहीं लग रहा। क्योंकि अभी इस योजना के तहत मात्र 75-80 फीसद ही काम हुआ है।
Railway Station : अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बालोद व दल्लीराजहरा रेलवे स्टेशन का काम नए साल के जनवरी माह तक पूरा कर पाना संभव नहीं लग रहा। क्योंकि अभी इस योजना के तहत मात्र 75-80 फीसद ही काम हुआ है। हालांकि रेलवे विभाग के मुताबिक रेलवे स्टेशन को हर हाल में दिसंबर माह तक पूरा करने का नया लक्ष्य रखा है पर जिस गति से काम चल रहा है, उससे दिसंबर माह तक काम पूरा होना मुश्किल है। वहीं अधूरे निर्माण से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि अभी भी बालोद रेलवे स्टेशन में नाली निर्माण, रैंप, सीढिय़ां, वेटिंग हॉल, टिकट काउंटर, रंग-रोगन, पीवीसी लगाने व फिनिशिंग बचा हुआ है। दरअसल इस कार्य का वर्चुअल शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2024 में किया था और इस कार्य को 6 माह में पूरा कर लेना था लेकिन अब लगभग दो माह और फिर एक साल बीतने को हैं लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है।
बीते माह ही सांसद भोजराज नाग ने रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में पाया कि काम धीमा है, जिसके बाद सांसद भोजराज नाग नाराज हुए थे और काम में तेजी लाने के निर्देश रेलवे व निर्माण एजेंसी को दिए थे। दरअसल इस निर्माण की शुरुआत में ही काफी ढिलाई बरती गई। यही वजह है कि काम में और देरी हुई। अब दिसंबर माह तक काम को पूरा करना है पर यही स्थिति रही तो दिसंबर माह तक काम पूरा होना भी मुश्किल है।
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बड़ी बात यह है कि जिले से कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर के रेलवे स्टेशन व बालोद रेलवे स्टेशन का 2024 में एक साथ शिलान्यास हुआ था। लेकिन भानुप्रतापपुर का रेलवे स्टेशन बनकर तैयार है व इनका लोकार्पण भी हो चुका है पर बालोद के रेलवे स्टेशन का काम पीछे हो गया है।
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बालोद रेलवे स्टेशन का जो ड्राइंग बनाया गया है। ठीक उसी की तरह इस स्टेशन को रूप दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन पूरी तरह से बनने के बाद काफी सुंदर नजर आएगा। फिलहाल यात्रियों की भी मांग है कि जल्द से जल्द काम को पूरा करें और यात्रियों को पूरी तरह से राहत दें।
रेलवे स्टेशन पर शेड के नीचे काउंटर बनाकर यात्रियों को टिकटें बेची जा रही हैं। बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। पहले तो तिरपाल लगाकर यात्री कतार में लगे रहते थे पर पत्रिका में लगातार समाचार प्रकाशन किया तब शेड लगाया गया। हालांकि अभी पूरी तरह से राहत के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।