बालोद

500 सीटर ऑडिटोरियम बनाने सीएम ने की घोषणा, मगर नहीं मिल रही जमीन

बालोद जिला मुख्यालय में अन्य शासकीय भवन निर्माण के लिए शासकीय जगहों की कमी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिला मुख्यालय में 500 सीटर ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा की है। नगर पालिका और राजस्व विभाग के पसीने छूट गए है कि आखिर जगह कहां ढूंढें। यहां जगह ही दिखाई नहीं दे रही है।

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Auditorium construction : बालोद जिला मुख्यालय में अन्य शासकीय भवन निर्माण के लिए शासकीय जगहों की कमी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिला मुख्यालय में 500 सीटर ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा की है। नगर पालिका और राजस्व विभाग के पसीने छूट गए है कि आखिर जगह कहां ढूंढें। यहां जगह ही दिखाई नहीं दे रही है। लेकिन जिला मुख्यालय में कई ऐसे भी जगह है, जो वर्षों से खंडहर पड़ी हुई है, जिसका उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में नगर पालिका चाह रही है कि खाली पड़ी सरकारी जगहों का उपयोग किया जा सकता है और शहर के विकास कार्य के लिए अगर जमीन का उपयोग में लाएं तो वहां निर्माण करा सकते हैं। कुछ शासकीय भवन ऐसे हैं, जहां अवैध कब्जा भी है और किराया भंडार का सामान रख रहे हैं। इस पर जिम्मेदार विभाग व राजस्व विभाग तथा नगर पालिका विभाग को ध्यान देना चाहिए।

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पुराना नगर पालिका, कांजी हाउस व कई शासकीय भवन जर्जर

नगर पालिका के अंतर्गत कांजी हाउस, शासकीय भवन, पुराना नगर पालिका भवन सहित और भी कई जगह हैं, जिसका उपयोग वर्षों से नहीं हो रहा है। वहीं शहर में कई जरूरी विकास कार्यों के लिए जगह नहीं मिल रही है। राजस्व विभाग व नगर पालिका पूरे शहर में शासकीय खाली जमीनों की तलाश कर रही है।

ऑडिटोरियम के लिए नहीं मिल रही जमीन

नगर पालिका सीएओ सौरभ शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप जिला मुख्यालय में 500 सीटर ऑडिटोरियम बनाया जाएगा। लेकिन नगर पालिका जब से ऑडिटोरियम की घोषणा हुई है, तब से सिर्फ जगह की तलाश कर रही है क्योंकि जगह की तलाश करने पर ही आगे की कार्रवाई शुरू होगी। वहीं जानकारी यह भी मिल रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में भी बजट में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए शामिल किया गया था। पर पर्याप्त जगह नहीं मिली इसलिए काम शुरू नहीं हुआ।

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नगर पालिका के आसपास भी कई शासकीय भवन, जिनका उपयोग नहीं

पुलिस कॉलोनी के कई मकान जर्जर हैं। नगर पालिका के पीछे कई भवन वर्षों से खाली हैं। अगर अधिकारियों द्वारा सर्वे किया जाए तो शहर में ही कई जमीनें मिलेंगी, जो बिना उपयोग के खाली पड़ी हुई हैं। नगर पालिका के कांजी हाउस में भी बड़ी जगह है, जिसका उपयोग पालिका कर सकती है।

सरकारी भवन में रख रहे सामान

नगर पालिका के पीछे कई सरकारी भवन हैं। कुछ भवन ऐसे हैं, जहां बकायदा निजी सामान रखा जा रहा है। आखिर किसने अनुमति दी और क्यों सामान रख रहे हैं। जिम्मेदार विभाग ने आज तक पूछने तक की जहमत नहीं उठाई।

कोई सरकारी भवन में कैसे रख सकता है निजी सामान

मामले में पालिका प्रतिनिधियों ने कहा कि मांग चल रही है। वहीं नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिभा चौधरी ने कहा कि इस विषय पर चर्चा चल रही है। कुछ विभाग से भी जानकारी भी ली गई है। इस पर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।

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