ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात कनेक्टिविटी और पशु चिकित्सा के अभाव को देखते हुए पशुपालन विभाग ने साल 2023 मोबाइल वेटनरी यूनिट सेवा 1962 प्रारंभ की, जो जिले के पशुओं के लिए वरदान साबित हो रही है।
Veterinary : ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात कनेक्टिविटी और पशु चिकित्सा के अभाव को देखते हुए पशुपालन विभाग ने साल 2023 मोबाइल वेटनरी यूनिट सेवा 1962 प्रारंभ की, जो जिले के पशुओं के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना के तहत अभी तक जिले में इन दो वर्षों में 1 लाख 40 हजार 823 पशुओं का उपचार किया जा चुका है, लेकिन अभी भी पशुपालकों में योजना की जानकारी के अभाव के चलते पशुपालक इस सेवा का कम लाभ ले पा रहे हैं। कुछ ऐसे भी शिकायत सामने आई है कई बार टोल फ्री नंबर में कॉल करने के बाद भी कॉल रिसीव जिम्मेदार नहीं करते।
पशुपालन विभाग पशुपालकों को आनी वाली परेशानियों को दूर करने कई योजनाएं चला रहा है। मोबाइल वेटनरी यूनिट सेवा भी उन्हीं में से एक है। इसके तहत पशुपालक 1962 पर कॉल कर नि:शुल्क चिकित्सा सेवा का लाभ घर बैठे ले सकते हैं, लेकिन पशुपालकों में इस योजना की जानकारी के अभाव के कारण पशुपालकों को पूर्ण रूप से योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।
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जिले के 5 ब्लॉकों में 6 मोबाइल वाहन यूनिट तैनात हैं, जिनमें बालोद, डौंडी, डौंडीलोहारा, देवरी, गुंडरदेही, गुरुर के लिए अलग-अलग वाहन यूनिट हैं। इन वाहन यूनिटों में एक पशु चिकित्सक, कम्पाउंडर और ड्राइवर से तीन लोगों का स्टॉफ रहता है। 1962 पर कॉल आने पर वाहन तत्काल बताए गए स्थान पर पहुंचेगा, जहां पशुओं का उपचार किया जाएगा। इससे पशुओं को तत्काल उपचार मुहैया कराया जा सके। यह व्यवस्था पूरी तरह नि:शुल्क है।
पशुओं की बीमारियों को विभाग ने अलग-अलग कैटेगिरी में बांट रखा है। जिस कारण पशुओं की बीमारी के स्तर को देखते हुए तय होता है कि कितने घंटे के भीतर बीमारी पशु को देखना है। इसकी सूचना एसएमएस के जरिए पशुपालक को दी जाएगी। गाड़ी आउटसोर्स की जाएगी। किसी एक क्षेत्र से लगातार कॉल आने पर पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले पशु चिकित्सालय के डॉक्टर शिकायत देखेंगे।
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योजना की शुरुआत 21 अगस्त 2023 में की गई थी। विभाग ने इस वर्ष 21 जनवरी से ड्यूल हाइब्रिड मूड की शुरुआत की। इसके तहत मोबाइल वेटनरी यूनिट सुबह 9 बजे से 12 बजे तक अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर कैम्प लगाने की शुरुआत की गई। कैम्पों के जरिए पशुओं के इलाज के साथ पशुपालकों को योजना की जानकारी भी दी गई। इन कैम्पों में 1 लाख 40 हजार 823 पशुओं का इलाज किया जा चुका है।
योजना का संचालन प्राइवेट कंपनी कर रही है। इसके तहत कंपनी ने ही इस कार्य के लिए कर्मचारियों को लगा रखा है। पशुपालकों को अपने पशु के बीमार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल कर पशुपालक का नाम, ग्राम, पशु एवं रोग के लक्षण की जानकारी देनी होगी। कॉल सेंटर पर नियुक्त कार्मिक जानकारी को सिस्टम में दर्जकर पशु चिकित्सक की सलाह अनुसार टिकट जनरेट करेगा। सूचना पशुपालक तथा संबंधित क्षेत्र की मोबाइल वेटरनरी यूनिट के चिकित्सक के मोबाइल पर एसएमएस से मिलेगी। चिकित्सक के मोबाइल एप्लीकेशन पर भी प्रदर्शित होगी। पशु चिकित्सक पैरा वेट, पशु कम्पाउंडर तथा चालक कम हेल्पर मोबाइल वेटरनरी यूनिट वाहन के साथ पशु चिकित्सक घर पर पहुंच कर बीमार पशु का उपचार करेंगे।
ब्लॉक - उपचार
बालोद - 26,781
डौंडीलोहारा (देवरी) - 22,411
डौंडीलोहारा - 25,704
डौंडी - 20,010
गुरुर - 23,208
गुंडरदेही - 22,709
सहायक उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग बालोद डॉ. डीके सहारे ने कहा कि मोबाइल वाहन यूनिट 1962 सेवा के बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। जिले के पांच ब्लॉकों में 6 यूनिटें तैनात हैं। योजना के तहत पशुपालक घर बैठे अपने पशुओं का इलाज करा सकते हैं। पशुपालकों को एक कॉल लगाने की दूर है, जिसके कुछ समय बाद टीम उनके घर होगी। साल 2023 अगस्त माह से अब तक कुल 1 लाख 40 हजार 823 पशुओं का इलाज इस यूनिट के माध्यम से कर चुके हैं।