Navratri 2025: बालोद जिले में अंचल में क्वांर नवरात्र की धूम है। माता रानी के दरबार में भक्तों का मेला सुबह से लग जाता है। जिसकी तैयारी मंदिर समिति ने पूरी कर ली है।
Navratri 2025: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में अंचल में क्वांर नवरात्र की धूम है। माता रानी के दरबार में भक्तों का मेला सुबह से लग जाता है। जिले की आराध्य देवी मां गंगा मैया, सियादेवी मंदिर समेत जिला मुख्यालय के देवी मंदिरों में भी भीड़ उमड़ रही है। शनिवार को पंचमी पर माता का विशेष श्रृंगार व विशेष पूजा की जाएगी। जिसकी तैयारी मंदिर समिति ने पूरी कर ली है।
सुबह-शाम पूजा, आरती, जसगीत एवं माता सेवा का क्रम जारी है। धार्मिक पर्यटन स्थल गंगा मैया मंदिर में शहर समेत दूरदराज से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इसी तरह सियादेवी, कंकालिन, मोखला मांझी, शीतला मंदिर, महामाया, दुर्गा मंदिर ठाढ़ महामाया, चंडी मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए भक्त पहुंच रहे है।
पंचमी को स्कंदमाता की पूजा की जाती है। पंचमी पर्व पर विशेष पूजा करने से भक्तों को इसका विशेष लाभ मिलेगा। पंडितों की माने तो स्कंदमाता भक्तों को सुख शांति प्रदान करने वाली है। माता का ये स्वरूप नेतृत्व गुण को मजबूत करता है। यह स्वरूप नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आमापारा ने चैतन्य देवियों की झांकी प्रदर्शित की है। उद्घाटन पर तहसीलदार आशुतोष शर्मा, बालोद थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा, सेवानिवृत्त कार्यपालन यंत्री पुरुषोत्तम सुधाकर एवं ब्रह्माकुमारीज बालोद की मुख्य संचालिका विजयलक्ष्मी दीदी उपस्थित थे। विजयलक्ष्मी दीदी ने एकाग्र मुद्रा में बैठी हुई चैतन्य देवी स्वरूपा बहनों की स्थिरता का राज समझाते हुए बताया कि इतनी स्थिरता मात्र राजयोग की साधना से ही सहज संभव हो पाता है।
राजयोग के अभ्यास से मन को एकाग्र करने से तन पर नियंत्रण अपने आप प्राप्त हो जाता है। इसी का प्रत्यक्ष उदाहरण यह चैतन्य देवियों की झांकी है। तहसीलदार आशुतोष शर्मा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था पर पहली बार आगमन हुआ और मैने संस्था के बारे में जैसा सोचा था वैसा ही पाया। थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा ने कहा कि जहां भी जाता हूं मै संस्था के कार्यक्रमों में जरूर सम्मिलित होता हूं। आमापारा में चैतन्य देवियों की झांकी 25 से 30 सितंबर तक शाम 7 से रात्रि 10 बजे तक प्रतिदिन संचालित होगी।