शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन का बुरा हाल है। मध्याह्न भोजन संचालक समूह दो माह से कुकिंग कास्ट की राशि नहीं मिलने के कारण तीन दिनों से मध्यान्ह भोजन नहीं बना रहे हैं।
Midday meal operator strike शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन का बुरा हाल है। मध्याह्न भोजन संचालक समूह दो माह से कुकिंग कास्ट की राशि नहीं मिलने के कारण तीन दिनों से मध्यान्ह भोजन नहीं बना रहे हैं। बालोद विकासखंड के 30 स्कूलों में मध्याह्न भोजन नहीं बना तो प्रधानपाठकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।
नोटिस जारी होने के बाद प्रधानपाठकों ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव कर दिया और विकासखंड शिक्षा अधिकारी से चर्चा की। प्रधान पाठकों ने कहा कि मध्याह्न भोजन प्रभावित न हो, इसकी कोशिश की जा रही है। व्यवस्था बनाने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन दबाव बनाना गलत है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी बसंत बाग ने कहा कि हमने मध्याह्न भोजन प्रभावित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने प्रधानपाठकों को कहा था, लेकिन 30 स्कूलों के प्रधान पाठकों ने कोई व्यवस्था नहीं की, इसलिए उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि प्रधानपाठक जितने दिन तक मध्याह्न भोजन का संचालन करें, उसमें आने वाले खर्च का बिल बनाकर कार्यालय में दें। उनका भुगतान किया जाएगा, लेकिन अभी जब तक मध्याह्न भोजन संचालक समूह की वापसी स्कूलों में न हो जाए तब तक स्कूल में भोजन बनाना पड़ेगा।
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कई प्रधान पाठकों का कहना है कि स्कूलों में रखी लकड़ी, राशन, चूल्हे सभी संचालनकर्ता ले गए हैं। ऐसे में नए सिरे से राशन खरीदना पड़ेगा। प्रधानपाठकों के पास कई और कार्य रहते हैं, इसलिए कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कुकिंग कास्ट की राशि कब तक आएगी, इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को भी नहीं है। जब तक राशि का भुगतान नहीं होगा तब तक कई बच्चे भूखे रहेंगे तो कई बच्चे घर से टिफिन लाएंगे।