बालोद

शहर में लगे होर्डिंग की गुणवत्ता और मजबूती की कभी नहीं हुई जांच

बालोद जिला मुख्यालय में दिनों दिन होर्डिंग की संख्या बढ़ रही है। बड़े-बड़े भवनों में होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। जिला मुख्यालय के ऊंचे भवनों में लगाए गए होर्डिंग की गुणवत्ता व मजबूती की जांच नहीं की गई है, जो लोगों के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।

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Hoardings बालोद जिला मुख्यालय में दिनों दिन होर्डिंग की संख्या बढ़ रही है। बड़े-बड़े भवनों में होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। जिला मुख्यालय के ऊंचे भवनों में लगाए गए होर्डिंग की गुणवत्ता व मजबूती की जांच नहीं की गई है, जो लोगों के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। जिले में जो होर्डिंग कमजोर है, उसे हटाने की जरूरत है। बीते दिनों मुंबई में तूफान में होर्डिंग गिर गया था। हादसे में लगभग 18 लोगों की मौत हो चुकी थी।

नगर पालिका के अधीन है होर्डिंग

शहर में होर्डिंग लगाने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है। पालिका के बिना अनुमति होर्डिंग भी नहीं लगा सकते। लेकिन यहां कुछ ऐसे भी होर्डिंग हैं, जो बिना अनुमति के लगाए गए हैं।

कई बार होर्डिंग फटकर विद्युत तार में फंस चुका

जिला मुख्यालय में ही कई बार लगाए गए होर्डिंग फ्लेक्स फटकर विद्युत तार में भी फंस चुके हैं। मुंबई हादसे से सबक लेते हुए होर्डिंगों की मजबूती की जांच होना जरूरी है।

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मुख्य मार्ग में हजारों लोगों की आवाजाही, सुरक्षा जरूरी

जिला मुख्यालय के गंजपारा से लेकर दल्ली मार्ग तक कई होर्डिंग हैं, जिसकी दोबारा जांच नहीं हुई है। यही हाल झलमला का भी है। यह मार्ग नेशनल हाइवे होने से हजारों लोगों की आवाजाही बनी रहती है। इस वजह से उनकी सुरक्षा जरूरी है।

होर्डिंग की स्थिति की जानकारी ली जाएगी

नगर पालिका बालोद के सीएमओ सौरभ शर्मा ने कहा कि शहर के होर्डिंग की स्थिति क्या है, इसकी जानकारी ली जाएगी। फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Updated on:
25 May 2024 11:37 pm
Published on:
25 May 2024 10:25 pm
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