बलोदा बाज़ार

Baloda Bazar Violence: हिंसा में पेट्रोल बम का हुआ इस्तेमाल, 200 से ज्यादा लोग हिरासत में

Baloda Bazar Violence: बलौदा बाजार हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं कलेक्ट्रेट, एसपी को हटाया गया है। मामले में अब तक 73 आरोपियों पर अलग-अलग अपराध में एफआईआर दर्ज किया गया है।

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Baloda Bazar Violence: कलेक्ट्रेट, एसपी दफ्तर में आगजनी और 30 से ज्यादा पुलिसवालोंं की पिटाई करने के मामले में मंगलवार को अलग-अलग थानों में 8 एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं पुलिस ने 83 आरोपियों को धर दबोचा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इनमें कांग्रेस के 4 बड़े नेताओं (Baloda Bazar Violence) पर भी एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि इन्होंने भीड़ को उकसाने का काम किया। इससे जुड़े कई वीडियो भी वायरल हैं।

Baloda Bazar Violence: 73 से ज्यादा पर एफआईआर दर्ज

इसी आधार पर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही जा रही है।अभी बहुत से आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं। ऐसे में आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस पूरे दिन जिले के अलग-अलग इलाकों में छापेमारी करती रही। इधर, मंगलवार को फॉरेंंसिक टीम जांच (Baloda Bazar Violence) के लिए मौके पर पहुंची। टीम को परिसर से प्लास्टिक के कुछ बोतलें मिलीं। इनमें पेट्रोल भरा था। ऊपर ढक्कन में छेद कर बत्ती भी निकाली गई थी।

हिंसा के लिए पेट्रोल बम का किया इस्तेमाल

ऐसे में माना जा रहा है कि उपद्रवियों ने कलेक्ट्रेट, एसपी दफ्तर और गाडिय़ों में आगजनी के लिए इन्हीं पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया था। इधर, हिंसा भड़काने के मामले में भीम आर्मी का नाम सामने आ रहा है। बताते हैं कि संगठन पिछले कई दिनों से लोगों को बलौदाबाजार में इकट्ठा होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा था।

इसके लिए सोशल मीडिया पर बकायदा मुहिम भी चलाई गई थी। ऐसे में अब भी बड़ा सवाल इंटेिलजेंस के फेल्योर पर ही उठ रहा है कि जब प्रदर्शनकारी (Baloda Bazar Violence) इतनी तैयारी के साथ आए थे तो खुफिया तंत्र को कुछ पता क्यों नहीं चला! और अगर सब पता था तो बलौदाबाजार को जानबूझकर हिंसा की आग में क्यों जलने दिया गया?

Baloda Bazar Violence: 11 तरह के अपराध पर एफआईआर…

  • दंगा किया: धारा 147, 148, 149 के तहत एफआईआर। जमानती अपराध। दोष सिद्ध होने पर 2 साल की सजा व जुर्माना।
  • सरकारी काम में बाधा: धारा 186 के तहत मामला दर्ज। 3 महीने तक की सजा और 500 रुपए जुर्माने का प्रावधान।
  • लोकसेवक पर हमला: 30 से ज्यादा पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज।
  • अफसर से मारपीट: मजिस्ट्रेट्र पुलिस अफसरों से मारपीट करने पर धारा 353 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया।
  • हत्या का प्रयास: भीड़ ने कई लोगों को जान से मारने की कोशिश की। दोष सिद्ध होने पर 10 साल की सजा।
  • आपराधिक साजिश: दंगा भड़काने के लिए सुनियोजित आपराधिक साजिश रचने 120बी के तहत अपराध दर्ज
  • तोडफ़ोड़: भीड़ ने कई सरकारी, निजी गाडिय़ां फूंकी। जमकर तोडफ़ोड़ की इसलिए धारा 435 में एफआईआर।
  • अश्लील हरकत: सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ ने अफसर-कर्मियों, लोगों से गाली-गलौच की। 294 का मामला।
  • बंधक बनाया: भीड़ ने कलेक्ट्रेट में लोगों को गलत तरीके सो रोक रखा था इसलिए 341 का मामला।
  • लोगों को तंगाया: भीड़ ने लोगों के सामने जान का संकट खड़ा कर उन्हें परेशान किया इसलिए 427 दर्ज।
  • सार्वजनिक संपत्ति तोड़ी: सार्वजिनक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में भी एफआईआर दर्ज की गई है।
Updated on:
12 Jun 2024 08:15 am
Published on:
12 Jun 2024 08:14 am
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