Baloda Bazar Violence: बलौदाबाजार हिंसा मामले के बाद सरकार लगातार एक्शन में है। शुरुआती जांच के बाद साय सरकार ने कलेक्टर और एसपी को हटा दिया था।
Baloda Bazar Violence:बलौदाबाजार हिंसा मामले के बाद सरकार लगातार एक्शन में है। शुरुआती जांच के बाद साय सरकार ने कलेक्टर और एसपी को हटा दिया था। अब गुरुवार को विष्णु देव साय सरकार ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अविनाश ठाकुर और डीएसपी आशीष अरोरा का ट्रांसफर कर दिया है।
प्रशासनिक विफलता की शिकायतों के बाद सरकार ने चार अफसरों पर कार्रवाई की है। बता दें कि बलौदाबाजार के कलेक्टर और एसपी के निलंबन के बाद अब एडिशनल एसपी अविनाश सिंह को हटा दिया गया है। उनकी जगह धमतरी एडिशनल एसपी अभिषेक सिंह का भेजा गया है।
गृह विभाग के अवर सचिव मनोज कुमार श्रीवास्तव द्वारा गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। इसमें एएसपी अविनाश सिंह के स्थान पर डायल 112 में पदस्थ हेमसागर सिदार और धमतरी से अभिषेक सिंह को एएसपी बलौदाबाजार- भाटापारा की जिमेदारी सौंपी गई है। इसी तरह, डीएसपी आशीष अरोरा को भाटापारा से मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी और उनके स्थान पर जशपुर से एश्वर्या चंद्राकर को बलौदाबाजार भेजा गया है।
वहीं, कौशल किशोर वासनिक को मोहला-मानपुर अंबागढ़ चौकी से बलौदाबाजार स्थानांतरित किया गया है। बता दें कि इसके पहले बलौदाबाजार-भाटापारा के एसपी सदानंद कुमार और कलेक्टर केएल चौहान को वहां हुई आगजनी एवं तोड़फोड़ की घटना के बाद हटा दिया गया था।
बलौदाबाजार में हुई आगजनी और तोड़फोड़ को लेकर कांग्रेस ने जमकर सियासी बवाल काटा। कांग्रेस ने कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन किया। विपक्ष की मांग थी कि विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दें।
बता दें, 15-16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्व गिरौधपुरी धाम में घुस गई थे। उन्होंने सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे।
इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी। जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग 10 जून को कलेक्ट्रेट के पास इकट्ठे हुए और जमकर हंगामा किया। यहां उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया। इसके बाद उपद्रवियों ने तांडव मचाते हुए कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में वहां मौजूद 20-30 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। फिलहाल, शहर में 16 जून तक धारा 144 लागू है।