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Baloda Bazar Violence: हिंसा रोकने में फेल, कलेक्टर-एसपी निलंबित, पहली बार IAS, IPS के खिलाफ हुई ऐसी कार्रवाई

Baloda Bazar Violence: बलौदाबाजार का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। हिंसा के 3 दिन बाद सरकार ने इसकी गाज जिले के कलेक्टर और एसपी पर गिराई है।

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Baloda Bazar Violence

Baloda Bazar Violence:बलौदाबाजार जिले में हुई हिंसात्मक घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है। पहले जिले के तत्कालीन कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानन्द कुमार का तबादला किया गया लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय क्रोधित होते हुए दूसरे दिन ही इन्हें निलंबित कर दिया। इस मामले में सरकार सूक्ष्म स्तर पर अपने जांच कर रही है। वही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शांति बनाए रखने की अपील की है।

घटना के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने समाज प्रमुखों की बैठक भी ली थी। बलौदाबाजार का मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। इसे लेकर कांग्रेस ने 7 सदस्य समिति गठित की है और शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत बलौदाबाजार में हुई गठित घटनास्थल का दौरा करने वाले हैं। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि सरकार के इंटेलिजेंट फेल्योर होने की वजह से यह घटना घटी है। वहीं दूसरी और भाजपा के मंत्रियों का आरोप है कि इस घटना के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस जिम्मेदार है। इसके बाद से प्रदेश में सियासत गरमा गई है।

Baloda Bazar Violence Update: कलेक्टर, SP की छुट्टी

मामले में नाराज सरकार ने दूसरे दिन देर रात कार्रवाई करते हुए जिले के एसपी 2010 बैच के आईपीएस सदानंद कुमार को जिले से हटाते हुए उन्हें उप पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर के पद पर पदस्थ कर दिया था। इसके अलावा कलेक्टर के पद पर तैनात 2009 बैच के प्रमोटी (Baloda Bazar Collector suspended) आईएएस कुमार लाल चौहान को मंत्रालय में पदस्थ कर दिया था। अब दो दिनों बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है। आईपीएस सदानंद कुमार का निलंबन अवधि में मुख्यालय पुलिस मुख्यालय रायपुर (Baloda Bazar SP suspended) नियत किया गया है। जबकि आईएएस कुमार लाल चौहान का निलंबन अवधि में छत्तीसगढ़ मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर में अटैच किया गया है।

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Baloda Bazar Violence: आखिर क्या है पुरा मामला

बता दें, 15-16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्व गिरौधपुरी धाम में घुस गई थे। उन्होंने सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे। इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी। जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग 10 जून को कलेक्ट्रेट के पास इकट्ठे हुए और जमकर हंगामा किया। यहां उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया। इसके बाद उपद्रवियों ने तांडव मचाते हुए कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में वहां मौजूद 20-30 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। फिलहाल, शहर में 16 जून तक धारा 144 लागू है।

39 और गिरफ्तार 121 सलाखों के पीछें

गुरुवार को आगजनी के मामले में 39 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले 82 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। जो की अब बढ़कर 121 हो गई है। इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत कुल अलग अलग 8 एफआईआर दर्ज है। पुलिस उपद्रवियों के छिपने के ठिकानों में लगातार दबिश दे रही है। वहीं धरना प्रदर्शन का आयोजन करने वाले आरोपियों के विरुद्ध थाना सिटी कोतवाली में धारा 147,148,149,186,353, 332,307,435,120B,427,435 भादवि, सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3, 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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