सरकार ने स्पष्ट कह दिया है उपद्रवियों को बक्शा नहीं जाएगा। दूसरी ओर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए लचर कानून व्यवस्था बताया है। बीजेपी ने कहा कि बालोद बाजार हिंसा समस्या का समाधान नहीं है।
इस मामले में सीएम विष्णुदेव साय ने उच्च स्तरीय बैठक की। सीएम ने आईजी व कमिश्नर को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर घटना की प्रारंभिक जानकारी ली एवं घटना की रिपोर्ट भी मंगाई है। सीएम नेसामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं और सभी से शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। बता दें, इस मामले में पूर्व में ही न्यायिक जांच के लिए गृहमंत्री विजय शर्मा को निर्देशित किया था, जिसकी घोषणा उनके द्वारा की गई थी।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, सतनामी समाज के प्रमुखजनों ने भी कहा था कि इसे लेकर ना ही अब कोई प्रदर्शन ना ही विरोध किया जाएगा। इसीलिए समाज इसमें बरी है। लेकिन सामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया है। लॉ एंड ऑर्डर को लेकर कार्रवाई होगी और कानून अपना काम करेगा।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, बलौदाबाजार हिंसा चिंताजनक है। यदि शासन-प्रशासन ने समय पर आवश्यक कदम उठाए होते तो लोगों की नाराजगी को इस हद तक जाने से रोका जा सकता था। मैं समाज के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही बलौदाबाजार में कानून व्यवस्था बिगड़ी है। यदि समय रहते जैतखाम को क्षति पहुंचाने वालों पर कार्यवाही की गई होती और आहत समाज से संवाद किया गया होता तो ऐसी अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होती। धार्मिक भावनाएं आहत होने पर आंदोलित समाज को विश्वास में लिया गया होता तो ऐसे विध्वंसक प्रतिक्रिया नहीं होती।
बैज ने कहा, बलौदाबाजार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। बलौदाबाजार हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं लोग संयम बरते। उन्होंने कहा, सरकार की लापरवाही से यह अप्रिय स्थित निर्मित हुई है। 15 दिनों पहले असामाजिक तत्वों द्वारा पवित्र जैतखभ को नुकसान पहुंचाने के मामले में त्वरित व कठोर कार्रवाई की गई होती, तो शायद यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं होती। उन्होंने कहा, गिरौदपुरी धाम से 5 किलोमीटर दूर एक बस्ती मानाकोनी है। यहां पर पुरानी गुफा है, जो बाघिन गुफा के नाम से प्रचलित है। जहां जैतखाम और सतनामी समाज के पूजा स्थल में तोड़-फोड़ की गई थी। इससे पूरे सतनामी समाज में आक्रोश है। इसके बाद समाज के लोगों ने पहले भी प्रर्दशन और चक्का जाम करके विरोध प्रदर्शन किया था।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बलौदाबाजार हिंसा को सरकार की नाकामी और प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था का प्रमाण बताया है। उन्होंने प्रदेश की राजधानी रायपुर से लगे जिले में यह घटना चिंताजनक है। धर्म स्थली अमर टापू की घटना निंदनीय है। 15 मई की घटना से नाराज लोग न्याय की मांग को लेकर धरने पर थे। राज्य शासन-प्रशासन अगर समय पर आवश्यक कदम उठाए होते तो आज नाराजगी को इस हद तक जाने से रोका जा सकता था। भाजपा सरकार सतनाम समाज की मांग अनुसार इस पूरी घटना की जांच कराएं।
सतनामी समाज के धर्मगुरु और भाजपा विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने बलौदाबाजार हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा, घटना में समाज के लोग शामिल नहीं हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व घुस आए थे, जिन्होंने तोड़फोड़ और आगजनी की। गुरु खुशवंत साहेब ने समाज के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, सतनामी समाज अहिंसा का पुजारी है।
बाबा गुरु घासीदास के संदेश सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलता है। उन्होंने कहा, कोई न कोई असामाजिक तत्व भीड़ में घुसे और उपद्रव का काम किया, समाज को बदनाम करने का काम किया हैं। उन्होंने आंदोलनकारियों से आग्रह किया कि संविधान जिंदा है, संविधान से मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा, घटना में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व विधायक गुरु रुद्रकुमार का कहना है कि घटना निंदनीय है, लेकिन आज की घटना क्यों घटी इसकी भी जांच होनी चाहिए। इस घटना के पीछे कौन असामाजिक तत्व हैं। जांच हो कि समाज को बदनाम करने के लिए कोई साजिश तो नहीं रची गई है।
Updated on:
12 Jun 2024 07:26 am
Published on:
11 Jun 2024 01:26 pm