
Baloda Bazar violence:सतनामी समाज के भीतर 26 दिन से धधक रही आग ने सोमवार को भीषण रूप ले लिया। इस आग में बलौदाबाजार कलेक्टर और एसपी दफ्तर खाक हो गया। जैतखाम काटने के मामले में झूठी गिरफ्तारी से भडक़े समाज ने बाहर खड़ी तकरीबन 150 गाडिय़ों को भी आग के हवाले कर दिया। जब ये सब हो रहा था, तब कलेक्ट्रेट में अपना काम करवाने के लिए सैकड़ों आमजन भी थे।
हिंसा भडक़ती देखकर कोई टेबल के नीचे छिप गया। किसी ने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जान बचाने के लिए पीछे के दरवाजे से भागते हुए नजर आए। वहीं कलेक्टर और एसपी को बिल्डिंग की छत पर देखा गया। सवाल उठता है कि (Baloda Bazar violence) एक महीने से मामला सुलग रहा था, सब जानते थे कि आक्रोश भड़क सकता है तो प्रशासन क्यों सोया हुआ था।
अमरगुफा के तीन पवित्र जैतखाम को काटने के मामले में फर्जी गिरफ्तारी का विरोध करने सतनामी समाज सोमवार दोपहर 3 बजे कलेक्ट्रेट का घेराव करने निकला। समाज को रोकने प्रशासन ने अपेक्स बैंक चौराहे के पास बैरीकेडिंग की थी। यहां प्रदर्शनकारियों की पुलिस से खूब झूमाझटकी हुई। कई पुलिसवाले घायल भी हुए। बैरीकेड्स तोड़ते हुए लोग कलेक्ट्रेट की ओर बढ़े। इन्हें रोकने फायर ब्रिगेड ने पानी की बौछार की तो लोगों ने उन्हीं की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। कलेक्टर कार्यालय पहुंचते तक प्रदर्शनकारियों के हाथों में लाठी-डंडे भी आ चुके थे।
परिसर में घुसते ही प्रदर्शनकारियों ने ऑफिस पर पथराव कर दिया। कांच की सारी खिड़कियां फोड़ दी। परिसर के कई भवन में आग लगा दी। इस दौरान भीतर काम कर रहे अफसर-कर्मचारी और आमजन बाहर की ओर भागे। यहां भी समाज के लोग नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे थे। किसी ने छिपकर, तो किसी ने भागकर (Baloda Bazar violence) अपनी जान बचाई। इधर, प्रदर्शनकारियों ने बाहर खड़ी गाडिय़ों में भी खूब तोडफ़ोड़ की। कई फोर व्हीलर को पलटा दिया। इसके बाद गाडिय़ों में आग भी लगा दी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस आगजनी में 150 से ज्यादा बाइक और कार खाक हो गई।
गिरौदपुरी धाम से 5 किमी दूर महाकोनी गांव में विवाद की जड़ है। यहां अमर गुफा है। सतनामी समाज की नींव रखने वाले गुरु घासीदास के पुत्र गुरु बालक दास कभी यहां साधना किया करते थे। इसी वजह से ये स्थान समाज के लिए तीर्थ समान है। दशकों पहले समाज के साधु-संतों ने यहां तीन जैतखाम की स्थापना की थी। 15 मई की रात कुछ लोग ताला तोडकऱ अमर गुफा में घुसे।
तीनों पवित्र जैतखाम को आरी से काट दिया। मौके पर शराब की बोतलें भी बरामद की गई थीं। मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार करने की बात कही। इनमें से 2 बिहार के थे। पुलिस ने बताया कि एक ठेकेदार ने उन्हें नल-जल योजना के पैसे नहीं दिए थे, इसी का बदला निकालने के लिए उन्होंने जैतखाम काट दिया। समाज ने इसे झूठी गिरफ्तारी बताते हुए बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में धरना शुरू कर दिया। इंटेलीजेंस की खामी ही कहेंगे जिन्हें हालत इस कदर बिगड़ने की भनक तक न लगी।
दोपहर 3.30 बजे कलेक्ट्रेट परिसर में घुसे प्रदर्शनकारियों ने सबसे पहले एसपी दफ्तर की ओर रुख किया। फर्जी गिरफ्तारी दिखाकर मामले में लीपापोती करने का आरोप लगाते हुए पथराव शुरू कर दिया। आगजनी में भी समाज की पुलिसवालों से नाराजगी देखने को मिली। आग से एसपी दफ्तर के साइड वाले भवनों को ही ज्यादा नुकसान हुआ है।
इधर, कलेक्ट्रेट परिसर से निकलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने रास्ते में पडऩे वाले दूसरे सरकारी दफ्तरों को भी नुकसान पहुंचाया। सबसे पहले जिला पंचायत दफ्तर में घुसे। हिंसा भडकऩे की खबर पाकर स्टाफ पहले ही ऑफिस छोडकऱ जा चुका था। ऐसे में लोगों ने अंदर रखे सामान (Baloda Bazar violence) को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद तहसील परिसर में खड़ी गाडिय़ों में भी जमकर तोडफ़ोड़ की।
Updated on:
12 Jun 2024 07:35 am
Published on:
11 Jun 2024 08:03 am
बड़ी खबरें
View Allबलोदा बाज़ार
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
