बलरामपुर में सपा नेता रमाकांत दुबे ने बिना नाम लिए पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह को खुली चुनौती दिया है। दबदबा' वाले बयान पर भी जमकर भड़ास निकाली है।
बलरामपुर में सियासी हलचल तब बढ़ गई। जब सपा नेता रमाकांत दुबे ने बिना नाम लिए भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जो लोग “दबदबा था। दबदबा रहेगा” की बात करते हैं। अगर सच में दम रखते हों तो देवीपाटन मंडल की किसी भी विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर अपनी ताकत दिखाएं। असली स्थिति साफ हो जाएगी।
रमाकांत ने पुराने दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय ऐसा भी था जब पूर्व सांसद भाजपा से नाराज होकर सपा में आए थे। उस वक्त समाजवादी पार्टी ने ही उनकी प्रतिष्ठा संभाली और उन्हें जीत दिलाई। लेकिन आज वही नेता दोबारा भाजपा में जाकर दबदबे की बात कर रहे हैं। इन तीखे बयानों का वीडियो सुहेलदेव सम्मान स्वाभिमान पार्टी की 13 नवंबर को हुई महारैली का है। लेकिन यह अब वायरल हो रहा है। जो गुरुवार को सामने आया।सपा नेता की चुनौती पर बृजभूषण शरण सिंह ने प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि ऐसे बयानों पर वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष चुनाव में बृजभूषण के करीबी संजय सिंह उर्फ बबलू की जीत के बाद बृजभूषण सिंह ने “दबदबा है। दबदबा रहेगा” का बयान दिया था। उस समय महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को लेकर विवाद चरम पर था।
रैली में रमाकांत दुबे ने आगे कहा कि सही उम्मीदवार को टिकट मिल जाए तो इनका प्रभाव खत्म हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि अगर अखिलेश यादव के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनती है। तो ऐसे लोग या तो नेपाल में नजर आएंगे या देश छोड़कर भागेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि असली नेता संघर्षों से निकलता है। टिकट देने या न देने से नेतृत्व तय नहीं होता। गरीबों पर अत्याचार हो तो नेता को अपनी क्षमता और साहस से खड़ा होना चाहिए।
अपने संबोधन में उन्होंने गरीबों और वंचित लोगों पर होने वाले दबाव व डराने-धमकाने की राजनीति पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब तक लोग निर्भीक होकर अपने अधिकारों और वोट का इस्तेमाल नहीं करेंगे। तब तक वे और उनके बच्चे आजाद नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि फौज में देश के लिए जान देने वाला ज्यादातर गरीब परिवारों का बेटा होता है। जिनकी अपनी छत भी ढंग की नहीं होती।
रमाकांत दुबे अधीनपुर गांव, रेहरा बाजार क्षेत्र के रहने वाले हैं। वे बलरामपुर सदर सीट से टिकट की दावेदारी कर चुके हैं। वर्ष 2005 में वे निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। ग्राम प्रधान का चुनाव भी लड़ चुके हैं।