बैंगलोर

निसार उपग्रह का विशाल एंटीना रिफ्लेक्टर पृथ्वी की कक्षा में हुआ ‘ब्लूम’

वैज्ञानिक अनुसंधानों का आधार तैयार अब उपग्रह के पे-लोड की शुरू होगी जांच

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Aug 17, 2025

विश्व के सबसे महंगे नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार उपग्रह (निसार) को संचालित करने का आधार तैयार हो गया है। एक बेहद जटिल प्रक्रिया के बाद इस उपग्रह में लगे 12 मीटर व्यास के एक बड़े परावर्तक (एंटीना रिफ्लेक्टर) को सफलतापूर्वक तैनात कर दिया गया है।

दोहरी राडार प्रणाली वाले विश्व के इस पहले उपग्रह की प्रमुख विशेषताओं में से एक 30 फुट (9 मीटर) के बूम पर लगा विशाल 39 फुट (12 मीटर) का एंटीना रिफ्लेक्टर है। यह रिफ्लेक्टर सोने की परत चढ़ी तार की जाली से बना है। उपग्रह के ऊपर एक छोटी सी जगह में फिट करने के लिए इसे मोडक़र रखा गया था। उपग्रह के प्रक्षेपण के 17 दिन बाद एक जटिल प्रक्रिया के जरिए इसे कई चरणों में तैनात किया गया। मोडक़र रखा गया एंटीना तैनाती के समय फैलकर किसी फोल्डिंग कैप चेयर की भांति अपनी जगह लॉक हो गया। एंटीना रिफ्लेक्टर तैनाती की इस प्रक्रिया का ब्लूम कहा जाता है। पृथ्वी की निचली कक्षा में नासा के किसी भी मिशन के लिए तैनात किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा रिफ्लेक्टर है। दोहरी राडार प्रणाली वाले निसार उपग्रह में इसरो निर्मित एस बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार और नासा के एल बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार को यह एंटीना रिफ्लेक्टर सपोर्ट करेगा। दोनों बैंड के माइक्रोवेव संकेतों को यह धरती पर भेजेगा और धरती से भेजे गए संकेतों को वापस हासिल करेगा।

अगले मानसून में निसार के आंकड़े साबित होंगे वरदान

एंटीना की तैनाती के साथ ही इस उपग्रह के परिचालन और वैज्ञानिक अनुसंधानों का आधार तैयार हो गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस उपग्रह के आंकड़े अक्टूबर महीने से मिलने लगेंगे। तब, पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित इस वेधशाला की पैनी निगाह से धरती का कोई कोना नहीं बचेगा। हर 12 दिनों में पूरी धरती को स्कैन करते हुए ऐसे कंसिसटेंट आंकड़े उपलब्ध कराएगा जैसा पहले कभी नहीं हुआ। धरती पर होने वाले सूक्ष्म से सूक्ष्म बदलावों, ग्लेशियर के पिघलने, चट्टानों के खिसकने, भू-स्खलन, ज्वालामुखी और भूकंप जैसे विनाशकारी प्राकृतिक खतरों से आगाह करेगा। घने बादल, कोहरे, दिन-रात या वनों से आच्छादित जंगल के भीतर देख सकने की क्षमता के कारण तूफान, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय त्वरित जानकारी प्रदान कर मानवता की रक्षा करेगा। देश में बादल फटने की घटनाओं को देखते हुए अगले मानसून के समय यह एक वरदान साबित हो सकता है।

पृथ्वी के अवलोकन की दिशा में एक बड़ी छलांग: सोमनाथ

इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने एंटीना रिफ्लेक्टर की तैनाती पर इसरो और नासा को बधाई देते हुए कहा कि निसार का 12 मीटर का एंटीना अब पूरी तरह ब्लूम हो गया है। इस एंटीना की व्यवस्थित तैनाती में कई चुनौतियां आईं। यह कई मोटर एक्चुएटर्स और जटिल केबलिंग से संचालित होता है। एंटीना रिफ्लेक्टर के खुलने की प्रक्रिया के समय मिश्रित संरचनाओं के तापमान में परिवर्तन एक बड़ी चुनौती थी। पृथ्वी की कक्षा में इस एंटीना की तैनाती सुनिश्चित करने और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं को समझने के कारण 2024 में इस मिशन के प्रक्षेपण में देरी की गई। इस जटिल चरण को सुरक्षित रूप से पूरा होते देखकर प्रसन्नता हुई। दरअसल, 2024 में एस. सोमनाथ ही इसरो के अध्यक्ष थे, जब निसार उपग्रह को इसरो प्रयोगशाला से वापस नासा भेजा गया था। सोमनाथ ने कहा कि अब आने वाले हफ्तों में पेलोड की जांच होगी। यह पृथ्वी अवलोकन की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

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