इसका मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को भाषाई अनुसंधान, भाषा संरक्षण पहल और भारतीय भाषाओं के अनुसंधान, संवर्धन और विकास में सीआइआइएल के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जानकारी प्रदान करना था।
कर्नाटक जनजातीय अनुसंधान संस्थान (केएसटीआरआइ) और आदिवासी अध्ययन केंद्र, केरगल्ली, मैसूरु के स्वदेशी समुदाय के प्रतिनिधियों, छात्रों और शिक्षकों सहित 60 सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआइआइएल), मैसूरु का दौरा किया।
यह दौरा केएसटीआरआइ के चल रहे पांच दिवसीय स्वदेशी समुदायों के पारंपरिक ज्ञान और वर्तमान आजीविका पर कौशल विकास प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा था। यह कार्यक्रम विशेष रूप से कर्नाटक के 12 वन-आधारित स्वदेशी समुदायों के लिए डिजाइन किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को भाषाई अनुसंधान, भाषा संरक्षण पहल और भारतीय भाषाओं के अनुसंधान, संवर्धन और विकास में सीआइआइएल के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जानकारी प्रदान करना था।
स्वदेशी समुदाय के सदस्यों और छात्रों ने भाषा संरक्षण और विकास में सीआइआइएल के प्रयासों के बारे में जानने के अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त की।इससे पहले सीआइआइएल के निदेशक प्रोफेसर शैलेन्द्र मोहन ने प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। सीआइआइएल के प्रोफेसर सह उप निदेशक डॉ. पी.आर. धर्मेश फर्नांडीज, सहायक निदेशक (प्रशासन) डॉ. पंकज द्विवेदी और व्याख्याता-सह-कनिष्ठ अनुसंधान अधिकारी डॉ. अलींद्र ब्रह्मा ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।