Vegetable Prices Hike : राजस्थान में सब्जियों के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। लहसुन, अदरक, आलू और टमाटर की कीमतें तो आसमान पर हैं। वजह है मानसून की देरी।
Vegetable Prices Hike : प्री-मानसून और मानसून में देरी की वजह से सब्जियों के भाव उछलने लगे हैं। हरी सब्जियों पर बारिश में देरी का असर साफ दिखाई देने लगा है। हाल यह है कि कई सब्जियां आम आदमी की रसोई से बाहर होने लगी हैं। बीते एक सप्ताह से सब्जियों के भावों में रोजाना इजाफा हो रहा है। बांसवाड़ा जिले की दोनों बड़ी सब्जी मंडियों में शहर के आस-पास से तथा रतलाम से सब्जी की आवक होती है। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के रतलाम में भी अच्छी बारिश नहीं होने से उत्पादन पर असर है।
सब्जी विक्रेताओं के अनुसार आलू के थोक भाव में बीते 72 घंटे में 2 रुपए प्रति किलो की तेजी दिखाई दी। हरी सब्जी के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं तो आलू की खपत भी बढ़ने लगी है। आलू को गर्मी से बचाने के लिए अवशीतन पर होने वाला बिजली खर्च भी जुड़ जाता है। एक अन्य दुकानदार ने बताया कि 10 दिन पहले भिंडी के भाव 20 रुपए किलो थे, मगर अब यह दोगुना बढक़र 40 रुपए हो गए। अभी के मुकाबले पहले भिंडी ज्यादा कच्ची और छोटी आ रही थी। लौकी के भाव करीब 10 से 20 रुपए किलो थे। टमाटर भी देखते ही देखते 20 रुपए से 50 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। बाजार में इन दिनों आ रहे टमाटर की गुणवत्ता भी बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है।
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प्रचंड गर्मी के बावजूद लहसुन के भाव में कोई नर्मी दिखाई नहीं दे रही है। अभी लहसुन के भाव 160 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम है। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि बाहर से आपूर्ति नहीं हो रही है। कमोबेश यही हाल अदरक का है। अदरक के भाव करीब 200 रुपए प्रति किलोग्राम हैं। नीबू और धनिया 100 से 120 रुपए प्रतिकिलो का भाव चल रहा है। हरी मिर्च का भाव बीते एक माह से 100 रुपए प्रति किलोग्राम के पार चल रहा है।
फल-सब्जी कारोबारी माजिद मंसूरी बताते हैं कि एक अच्छी बारिश हो जाए, उसके करीब 10 दिन बाद भाव में उतार देखने को मिलता है। अभी अच्छी बारिश नहीं हुई है। इस बार जुलाई के मध्य से पहले भाव उतरते दिखाई नहीं देने वाले हैं। मानसून जल्द सक्रिय नहीं हुआ तो अभी के मुकाबले सब्जियों के भाव 40 प्रतिशत तक और बढ़ सकते हैं।
आलू - 30
प्याज - 25
बैंगन - 40
भिंडी - 40
पालक - 40
तोरई - 40
टमाटर - 50
ग्वार फली - 60
पत्ता गोबी - 30
कटहल - 40
कच्ची केरी - 50
लॉकी - 40
कद्दू - 30
शीमला मिर्च - 80
खीरा - 50
चुकंदर - 40
गाजर - 60
करेला - 60।
आम की पैदावार में इस वर्ष भले ही 70 प्रतिशत की गिरावट आई हो, पर अभी बाजार में देशी आम की बहार आ चुकी है। कलक्ट्रेट और एमजी अस्पताल के आसपास 40 से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं देशी आम टोपले लगाकर आम बेच रही हैं। देशी आम का भाव 40 से 100 रुपए प्रति किलाग्राम तक है।
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