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जिले का संभवत: पहला मामला, केलवाड़ा में नवजात को स्क्रब टाइफस

चिकित्सकों ने बताया कि पहले की तुलना में नवजात की हालत में सुधार है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को लेकर विशेष सतर्कता बरतते हुए पूरे क्षेत्र में स्क्रब टाइफस एवं वायरल बुखार से बचाव और लोगों को जागरूक करने केलवाड़ा उपजिला अस्पताल के डॉक्टरों ने अभियान शुरू कर दिया है।

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Sep 15, 2025
चिकित्सकों ने बताया कि पहले की तुलना में नवजात की हालत में सुधार है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को लेकर विशेष सतर्कता बरतते हुए पूरे क्षेत्र में स्क्रब टाइफस एवं वायरल बुखार से बचाव और लोगों को जागरूक करने केलवाड़ा उपजिला अस्पताल के डॉक्टरों ने अभियान शुरू कर दिया है।

केलवाड़ा. क्षेत्र में पंद्रह दिवसीय नवजात के स्क्रब टाइफस से पीडि़त होने का मामला सामने आया है। चिकित्सकों के अनुसार यह जिले का पहला ऐसा मामला है, जिसमें रोगी की उम्र इतनी कम है। जानकारी के अनुसार वेद पुत्र दुर्गा मेहता, निवासी बांसखेड़ा को जांच के दौरान स्क्रब टाइफस होने की पुष्टि हुई है। चिकित्सा विभाग के सूत्रों के अनुसार इसे प्रदेश एवं देश में स्क्रब टाइफस का पहला मामला माना जा रहा है। वर्तमान में उप जिला अस्पताल केलवाड़ा में दो केस स्क्रब टाइफस के हैं। इनमें गायत्री बाई केवट 50 निवासी दांता का उपचार विशेष निगरानी में चल रहा है। पीडि़त नवजात का इलाज कोटा के एक अस्पताल में चल रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि पहले की तुलना में नवजात की हालत में सुधार है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को लेकर विशेष सतर्कता बरतते हुए पूरे क्षेत्र में स्क्रब टाइफस एवं वायरल बुखार से बचाव और लोगों को जागरूक करने केलवाड़ा उपजिला अस्पताल के डॉक्टरों ने अभियान शुरू कर दिया है। लोगों से भी अनुरोध किया गया है कि वे सफाई का ध्यान रखें और संदिग्ध लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।

कलमोदिया में सर्वे जारी, सामान्य हो रहे हालात

छीपाबड़ौद . ब्लॉक के अधीन कलमोदिया गांव में उल्टी-दस्त की शिकायत पर चिकित्सा विभाग की टीम ने सोमवार को जायजा लिया। खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरि मीणा ने बताया कि 8 सितंबर से हुए उल्टी-दस्त के प्रकोप के उपचार एवं नियत्रंण के लिए चिकित्सा अधिकारी सीएचसी सारथल ने ग्राम कलमोदिया में टीम से घर-घर सर्वे करवाया। इसमें 2 नए रोगी उल्टी-दस्त के सामान्य लक्षणों के साथ मिले। इनको मौके पर ही ओआरएस द्वारा उपचार किया गया। शेष 3 रोगी सीएचसी इकलेरा भर्ती थे। उनको भी डिस्चार्ज किया जा चुका है। गांव मे स्थिति सामान्य होने लगी है। इस बीच टीम को ग्रामीणों ने पीने के पानी की समस्या से अवगत कराया। इसके बाद प्रशासन ने पीने के पानी की व्यवस्था टैंकर द्वारा की। मीना ने चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. नंदकिशोर वर्मा को निर्देश दिए कि चिकित्सा टीम को गांव में ही तैनात रखें। सोमवार को आईडीएसपी से दिनेश साहू ऐपिडोमिलॉजिस्ट व वीरेन्द्र गौतम नर्सिंग ऑफिसर ने सर्वे किया। टीम मे भूरालाल लववंशी, के साथ ही एमएमयू की टीम के साथ-साथ एएनएम व आशा सहयोगिनी भी साथ रहे।

Published on:
15 Sept 2025 11:35 pm
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