उल्लेखनीय है कि सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाओं के नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने इस विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार भी किया था। तब प्रशासन के आला अधिकारी गांव में पहुंचे थे।
देवपुरिया गांव का मामला, बदहाल मार्ग के कारण ग्रामीणों को हो रही परेशानी
कवाई. केरवालिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले देवपुरिया गांव में आजादी के कई दशकों के बाद भी सडक़ नहीं बन सकी है। इसके कारण ग्रामीणों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक मरीज को ले जाने के लिए भी मुसीबतें उठानी पड़ती हैं। वहीं वर्तमान में हुई भारी बारिश से रास्ते ने तलाई का रूप ले लिया है। इससे खतरा और बढ़ गया है। मोठपुर-देवपुरिया मार्ग के बीच गहरे गहरे गड्ढे हैं, इन दिनों गड्ढों ने तलाइयों का रूप ले लिया है। समस्या से अभी भी जिम्मेदार बेखबर हैं। देवपुरिया निवासी बंटी मीणा, रामङ्क्षसह मीणा, मोहन मीणा, पानाचंद मीणा, जमनालाल मीणा, धारा ङ्क्षसह मीणा, बन्ना बंजारा, बबलू मीणा, हरीश मीणा, रवि मीणा, बाबू। कई बार कई जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को ज्ञापन दिए है लेकिन आज दिन तक किसी ने सुध नहीं ली एवं वनविभाग की भूमि होने का हवाला दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि मोठपुर से देवपुरिया गांव की दूरी 6 किलोमीटर है। इसमें एक किलोमीटर वनविभाग की भूमि है। दाता मोतीपुरा भी पांच किमी है, जहां किसी प्रकार की वन विभाग की भूमि नहीं आ रही। फलिया से देवपुरिया डेढ़ किमी है, लेकिन अब तक रास्ता नहीं बना सका है।
मतदान का भी किया था बहिष्कार
उल्लेखनीय है कि सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाओं के नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने इस विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार भी किया था। तब प्रशासन के आला अधिकारी गांव में पहुंचे थे। ग्रामीणों से समझाइश की थी, लेकिन ग्रामीण अडिग रहे। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक गांव में सडक़ नहीं बनेगी, तब तक मतदान नहीं करेंगे।
इससे पहले कस्बाथाना में ग्रामीणों ने जताया था विरोध
कस्बाथाना क्षेत्र के कुजाय गांव में मुख्य मार्ग पर बारिश के समय में जल भराव की समस्या से परेशान होकर ग्रामीणों ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया। ग्रामीणों ने शनिवार को जलभराव में धान की फसल लगाकर विरोध किया। लोगों ने बताया कि जलभराव के चलते आसपास रहने वाले लोगों के अलावा यहां से गुजरने वाले राहगीरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।