घर की तलाश कर रहे व्यक्ति से प्लॉट दिलाने के नाम पर तीन लोगों ने मिलकर करीब सात लाख रुपये ठग लिए। जब लंबे समय तक बैनामा नहीं हुआ तो पीड़ित को धोखाधड़ी का एहसास हुआ। उसने मामले की शिकायत एसएसपी अनुराग आर्य से की, जिसके बाद इज्जतनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बरेली। घर की तलाश कर रहे व्यक्ति से प्लॉट दिलाने के नाम पर तीन लोगों ने मिलकर करीब सात लाख रुपये ठग लिए। जब लंबे समय तक बैनामा नहीं हुआ तो पीड़ित को धोखाधड़ी का एहसास हुआ। उसने मामले की शिकायत एसएसपी अनुराग आर्य से की, जिसके बाद इज्जतनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित सहारनपुर के नैनोता क्षेत्र के गांव गुडम का रहने वाला है और इस समय कर्मचारीनगर, इज्जतनगर में रह रहा है। बताया गया कि प्लॉट की जरूरत पर उसके परिचितों ने उसे शंकर लाल निवासी रामलीला गौटिया, सैदपुर हाकिन्स से मिलवाया। शंकर लाल नर्सरी का काम करता है और उसने पीड़ित को बताया कि उसके परिचित सत्यपाल की बहन राजेश्वरी देवी जमीन बेचना चाहती है।
मुलाकात के बाद 200 वर्ग गज प्लॉट का सौदा 21 हजार रुपये प्रति गज की दर से तय हुआ। इस दौरान पीड़ित से 2 लाख रुपये कैश बतौर बयाना दिलवा दिए गए। करीब पंद्रह दिन के भीतर शेष रकम लेने के बाद बैनामा कराने का आश्वासन दिया गया। इसी बीच आरोपियों ने कहा कि सौदा पक्का हो गया है, इसलिए वह पैसा खाते में भेज दे। भरोसा करते हुए पीड़ित ने 11 अक्टूबर 2024 को 5 लाख रुपये चेक के जरिए राजेश्वरी देवी के खाते में भेज दिए।
इसके बाद भी आरोपियों ने बैनामा कराने में टालमटोल करना शुरू कर दिया। जब दबाव बनाया गया तो पता चला कि जिस प्लॉट का सौदा पीड़ित से किया गया था, उसे राजेश्वरी देवी ने अलग-अलग लोगों को पहले ही बेच रखा है। इस खुलासे के बाद पीड़ित को ठगी का पता चला। शिकायत में यह भी बताया गया कि यही गैंग पहले भी प्रवेश कुमार नाम के व्यक्ति से 12 लाख रुपये ऐंठ चुका है।
पीड़ित का आरोप है कि राजेश्वरी देवी, सत्यपाल और शंकर लाल ने कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर उसे झांसा दिया और सात लाख रुपये हड़प लिए। ठगी का शिकार होने के बाद वह एसएसपी ऑफिस पहुंचा। शिकायत पर एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर इज्जतनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।