जिले की सबसे बड़ी प्रशासनिक बैठकों में से एक जिला पंचायत बोर्ड की बैठक बृहस्पतिवार को उस समय विवाद का केंद्र बन गई जब जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल पर बैठक के दौरान हमला कर दिया गया। घटना ने इतना तूल पकड़ लिया कि शुक्रवार को विकास भवन के कर्मचारी आक्रोशित हो गए और कमलबंद हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों ने गेट पर धरना प्रदर्शन कर हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की।
पीलीभीत। जिले की सबसे बड़ी प्रशासनिक बैठकों में से एक जिला पंचायत बोर्ड की बैठक बृहस्पतिवार को उस समय विवाद का केंद्र बन गई जब जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल पर बैठक के दौरान हमला कर दिया गया। घटना ने इतना तूल पकड़ लिया कि शुक्रवार को विकास भवन के कर्मचारी आक्रोशित हो गए और कमलबंद हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों ने गेट पर धरना प्रदर्शन कर हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की।
जानकारी के अनुसार, बैठक में जिले में खाद की उपलब्धता पर चर्चा चल रही थी। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. दलजीत कौर, सीडीओ आरके श्रीवास, सभी सदस्य, विभागीय अधिकारी बैठक में मौजूद थे। जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल खाद की स्थिति पर सवालों का जवाब दे रहे थे कि तभी दियोरिया कला निवासी जिला पंचायत सदस्य नितिन पाठक से तीखी नोकझोंक हो गई।
विवाद इतना बढ़ा कि नितिन पाठक की तरफ से सभागार में बैठे उसके चालक अनमोल ने अचानक कुर्सी से उठकर कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल को थप्पड़ मार दिया और उनका गिरेबान पकड़कर धक्का दिया। घटना के बाद अधिकारी स्तब्ध रह गए और बैठक छोड़ बाहर चले गए।
देर शाम नरेंद्र पाल ने कोतवाली में तहरीर दी, जिसमें बताया कि नितिन पाठक और उसके ड्राइवर अनमोल ने उनके साथ गाली-गलौज की, जान से मारने की धमकी दी और हमला किया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज, धमकी व शासकीय कार्य में बाधा डालने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
घटना से आक्रोशित विकास भवन के सभी विभागीय कर्मचारियों ने शुक्रवार को काम बंद कर दिया और परिसर के गेट पर तख्तियों के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, कामकाज ठप रहेगा। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि अगर सरकारी अधिकारियों की बैठक में ही सुरक्षा नहीं है, तो फील्ड में कैसे जाएंगे।
घटना के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. दलजीत कौर ने कोई बयान नहीं दिया। वहीं अपर मुख्य अधिकारी हरमीक सिंह भी प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए। जब मीडिया ने अध्यक्ष प्रतिनिधि गुरभाग सिंह से संपर्क करने की कोशिश की तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला।