बरेली

बरेली: डीएम ने आरटीओ तो सीडीओ ने रजिस्ट्री कार्यालय में मारा छापा, दो बिचौलियों पर FIR

जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने नगर मजिस्ट्रेट राजीव कुमार शुक्ला और अन्य मजिस्ट्रेटों के साथ टीम बनाकर आरटीओ ऑफिस में छापा मारा।

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Jul 25, 2024

बरेली। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने नगर मजिस्ट्रेट राजीव कुमार शुक्ला और अन्य मजिस्ट्रेटों के साथ टीम बनाकर आरटीओ ऑफिस में छापा मारा। डीएम को देख बिचौलियों में अफरा-तफरी मच गई। डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने भी रजिस्ट्री कार्यालय पर छापा मारा। इस दौरान सीडीओ ने एक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। वहीं आरटीओ ऑफिस में दो लोगों के खिलाफ डीएम के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की।

आरटीओ ऑफीस पहुंचें डीएम तो मचा हड़कंप
बिचौलियोंकी शिकायतें मिलने पर गुरुवार को डीएम रविंद्र कुमार ने आरटीओ ऑफिस में छापा मारा। करीब एक बजे डीएम नगर मजिस्ट्रेट राजीव कुमार शुक्ला और अन्य मजिस्ट्रेटों की टीम बनाकर आरटीओ ऑफिस पहुंचे। इस दौरान वहां हड़कंप मच गया। कार्यालय कर्मियों और कार्यालय में मौजूद अन्य व्यक्तियों को अलग-अलग खड़ा कर उनसे पूछताछ की गई। इन लोगों का क्रॉस चेक किए जाने के निर्देश दिए। ऑफिस में कर्मचारियों के अतिरिक्त 12-13 व्यक्ति पाए गए जिनमें दो व्यक्ति संदिग्ध मिले। दोनो में एक के पास नोटरी की मोहर लगे हुए और नोटरी के हस्ताक्षर के साथ करीब 70 की संख्या में ई स्टांप पेपर थे।

दूसरे व्यक्ति की दुकान में कई वाहनों के कागजात और दस्तावेज मिले। पूछताछ करने पर दोनों ही संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जांच में पाया कि नियम के विरुद्ध रुपये लेकर कागज तैयार किए हैं। डीएम के आदेश पर दो लोगों के खिलाफ कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज की। इस दौरान डीएम ने कहा कि अवैध बिचौलियों की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सम्बंधित अधिकारी को आरटीओ कार्यालय परिसर में संदिग्ध लोगों के प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाए जाने आदि के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं।

कार्यालय में सीडीओ को मिला एक संदिग्ध
सीडीओ ने करीब सुबह 11:20 बजे रजिस्ट्री कार्यालय पर छापा मारा। सीडीओ जग प्रवेश ने रजिस्टर भी चेक किए। कर्मचारी तो पूरे मिले, लेकिन एक-दो अधिकारी नहीं मिले। पूछने पर पता चला कि तहसील में नए सर्किल रेट की बैठक में गए हैं। इसके बाद सीडीओ प्रथम तल पर गए। यहां रजिस्ट्रार के कक्ष में मौजूद लोगों से जानकारी की। इनमें कुछ लोग रजिस्ट्री कराने आए थे। जबकि कई लोग कातिबों के सहायक थे। सीडीओ ने एक-एक व्यक्ति से पूछताछ की। इसके बाद रिकॉर्ड रूम में गए तो यहां धर्मेंद्र नाम का व्यक्ति सरकारी अभिलेखों को देखते हुए मिला। न तो यह सरकारी कर्मचारी था न ही कोई कातिब का सहयोगी। खुद रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारी उसे डांटने लगे। इस पर सीडीओ ने सुभाष नगर थाने की पुलिस को बुलाकर संदिग्ध व्यक्ति को उसे सौंप दिया।

Published on:
25 Jul 2024 09:27 pm
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