
बरेली। प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में शामिल महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय को साइबर ठगों ने सीधा निशाना बना लिया है। छात्रों और अभिभावकों को भ्रमित कर मोटी ठगी करने के इरादे से विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट की हूबहू नकल करते हुए फर्जी क्लोन वेबसाइट तैयार कर दी गई है। यह मामला सामने आते ही विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
साइबर अपराधियों ने विश्वविद्यालय की असली वेबसाइट www.mjpru.ac.in की शक्ल-सूरत, डिजाइन और कंटेंट की नकल कर www.mjpru.org.in नाम से फर्जी वेबसाइट खड़ी कर दी। इस क्लोन वेबसाइट पर परीक्षा कार्यक्रम, सेमेस्टर डिटेल, कोर्स, योजनाएं और अन्य अहम सूचनाएं पोस्ट कर दी गईं, ताकि छात्रों को जरा भी शक न हो। पहली नजर में यह वेबसाइट इतनी असली लगती है कि कोई भी छात्र आसानी से झांसे में आ सकता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस फर्जी वेबसाइट के जरिए छात्र-छात्राओं से शुल्क और अन्य संवेदनशील जानकारियां भी ली जा रही हैं। यानी यह महज नकल नहीं, बल्कि सुनियोजित साइबर ठगी का बड़ा जाल है, जिसमें लाखों छात्रों की मेहनत की कमाई और निजी डेटा खतरे में है।
विश्वविद्यालय के वेबसाइट कोऑर्डिनेटर डॉ. अख्तर हुसैन ने इस गंभीर मामले में बारादरी थाने में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने साफ कहा कि यह विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को बदनाम करने और छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने की साजिश है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो छात्र-छात्राओं को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। बारादरी इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने बताया कि मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया है। अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और साइबर क्राइम सेल की मदद से फर्जी वेबसाइट को ट्रैक करने और ठगों तक पहुंचने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय से बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर के साथ-साथ रामपुर, अमरोहा और बिजनौर के कुल 240 कॉलेज संबद्ध हैं, जिनमें 10 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। प्रवेश प्रक्रिया, परीक्षा फार्म, शुल्क भुगतान और छात्रवृत्ति जैसे सभी अहम काम अब पूरी तरह ऑनलाइन हैं। ऐसे में इस क्लोन वेबसाइट के जरिए बड़े पैमाने पर भ्रम और ठगी फैलने का खतरा बेहद गंभीर है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक वेबसाइट www.mjpru.ac.in पर ही भरोसा करें और किसी भी अन्य लिंक या वेबसाइट पर अपनी जानकारी साझा न करें। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और फर्जी वेबसाइट को तत्काल ब्लॉक कराने की मांग की गई है।
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Published on:
27 Dec 2025 06:25 pm
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