मौलाना तौकीर रजा के करीबी और खुद को “डॉ. नफीस” बताने वाले नकली डॉक्टर पर आखिरकार स्वास्थ्य विभाग ने शिकंजा कस दिया है। शनिवार दोपहर सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुतुबखाना स्थित खान ऑप्टिकल एंड क्लिनिक पर छापा मारकर दुकान सील कर दी।
बरेली। मौलाना तौकीर रजा के करीबी और खुद को “डॉ. नफीस” बताने वाले नकली डॉक्टर पर आखिरकार स्वास्थ्य विभाग ने शिकंजा कस दिया है। शनिवार दोपहर सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुतुबखाना स्थित खान ऑप्टिकल एंड क्लिनिक पर छापा मारकर दुकान सील कर दी।
टीम को मौके पर कोई पंजीकरण प्रमाणपत्र या डिग्री नहीं मिली। यह भी स्पष्ट हुआ कि नफीस के पास डॉक्टरी की कोई मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है। वह केवल चश्मे की दुकान चलाता था और खुद को डॉक्टर बताकर लोगों का इलाज करने लगा था।
शासन स्तर से मिले निर्देश के बाद पूरी कार्रवाई गोपनीय रखी गई। शनिवार दोपहर करीब 12:40 बजे सीएमओ ने डिप्टी सीएमओ डॉ. अमित कुमार और डॉ. लईक अंसारी को बुलाकर रणनीति तय की। दोनों अधिकारियों को मौके पर रवाना किया गया। कुतुबखाना पहुंचने पर दुकान बंद मिली, लेकिन क्लिनिक के बाहर नामपट्टिका लगी हुई थी। जांच के बाद डिप्टी सीएमओ लईक अंसारी ने दुकान को सील करने की कार्रवाई की। वहीं, डॉ. अमित कुमार ने आवश्यक दस्तावेजी औपचारिकताएं पूरी कीं। सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि क्लिनिक का न तो कोई रजिस्ट्रेशन था, न मानक पूरे थे। यह कार्रवाई उच्चाधिकारियों के आदेश पर की गई है। अब फर्जी डिग्री के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, नफीस लंबे समय से अपने नाम के आगे “डॉ.” लगाकर खुद को नेत्र विशेषज्ञ बताता था। वह आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर के करीबी होने का फायदा उठाकर लोगों को भ्रमित करता रहा। पिछले सप्ताह पुलिस की गिरफ्तारी के बाद उसकी असलियत खुली थी कि उसके पास न तो डॉक्टरी की पढ़ाई है, न किसी मेडिकल काउंसिल का लाइसेंस।
स्वास्थ्य विभाग ने पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब फर्जीवाड़े के आरोप में फर्जी डिग्री, अवैध चिकित्सकीय प्रैक्टिस और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।