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2,117 करोड़ तैयार, ठेकेदार अलर्ट… फिर बरेली की रिंग रोड दिल्ली में क्यों अटकी, किसने रोका मेगा प्रोजेक्ट

लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे से जुड़ने वाली बरेली की बहुप्रतीक्षित रिंग रोड परियोजना फिलहाल दिल्ली में फंसी हुई है। झुमका तिराहा से चौबारी होते हुए इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पास शाहजहांपुर रोड तक बनने वाले करीब 29.95 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के निर्माण को अब तक मुख्यालय से मंजूरी नहीं मिल सकी है। परियोजना पर 2,117 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

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बरेली। लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे से जुड़ने वाली बरेली की बहुप्रतीक्षित रिंग रोड परियोजना फिलहाल दिल्ली में फंसी हुई है। झुमका तिराहा से चौबारी होते हुए इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पास शाहजहांपुर रोड तक बनने वाले करीब 29.95 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के निर्माण को अब तक मुख्यालय से मंजूरी नहीं मिल सकी है। परियोजना पर 2,117 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों ने दिसंबर के पहले सप्ताह में ही निर्माण कार्य शुरू कराने का प्रस्ताव मुख्यालय भेज दिया था, लेकिन दिसंबर का दूसरा सप्ताह भी बीतने को है और अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। हालांकि, अधिकारियों को उम्मीद है कि 15 दिसंबर तक दिल्ली से हरी झंडी मिल सकती है।

जमीन अधिग्रहण बना सबसे बड़ी बाधा

रिंग रोड परियोजना की राह शुरू से ही आसान नहीं रही। जमीन अधिग्रहण शुरू होते ही विवाद खड़ा हो गया था। अधिग्रहण में गड़बड़ी सामने आने पर राजस्व विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई। मामला निपटने के बाद मुआवजा वितरण की प्रक्रिया धीमी पड़ गई। भूमि अध्याप्ति अधिकारी बदले जाने के बाद प्रक्रिया में तेजी आई, लेकिन अभी तक 80 प्रतिशत मुआवजा वितरण पूरा नहीं हो सका है, जो निर्माण शुरू करने की अनिवार्य शर्त है।

ठेकेदार तैयार, लेकिन काम शुरू नहीं

एनएचएआई ने इस परियोजना का ठेका आरपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। कार्यदायी संस्था ने छह महीने पहले ही कैंप कार्यालय स्थापित कर निर्माण सामग्री जुटाना शुरू कर दिया था। एनएचएआई के अधिकारी सितंबर में ही काम शुरू होने का दावा कर रहे थे, लेकिन मुआवजा वितरण और वन विभाग की एनओसी के चलते मामला उलझ गया। नवंबर के अंत में वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद प्रशासन और एनएचएआई अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। इसमें दिसंबर के मध्य तक 80 प्रतिशत मुआवजा वितरण का भरोसा दिया गया, जिसके बाद मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया।

फ्लाइओवर और आरओबी से लैस होगा रिंग रोड

रिंग रोड की डिजाइन इस तरह तैयार की गई है कि मौजूदा सड़कों का यातायात प्रभावित न हो। जहां सीसी रोड और खड़ंजा मार्ग आ रहे हैं, वहां ऊपर से पुल बनाकर रिंग रोड निकाली जाएगी। झुमका तिराहा के धंतिया गांव से रिंग रोड की शुरुआत होगी, जहां पहला फ्लाइओवर बनेगा। आगे रेलवे लाइन पर दो आरओबी, रामगंगा किनारे बरेली-कासगंज रेल लाइन पर एक और आरओबी प्रस्तावित है। इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पास दिल्ली-लखनऊ हाईवे से जोड़ने के लिए चौथा आरओबी बनाया जाएगा। इसके अलावा सात बड़े और चार छोटे पुल भी प्रस्तावित हैं।

सोमवार तक मिल सकती है मंजूरी

परियोजना निदेशक नवरत्न ने बताया कि रिंग रोड के निर्माण के लिए प्रस्ताव मुख्यालय भेजा जा चुका है। झुमका तिराहा और चौबारी पर एक साथ काम शुरू कराने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दे दिए गए हैं। उम्मीद है कि सोमवार तक स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।


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