दीपावली के शुभ अवसर पर धनतेरस के दिन बीडीए को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। शनिवार को प्राधिकरण परिसर में आयोजित आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों की नीलामी में बीडीए को करीब 150 करोड़ रुपये की आय हुई। इस मौके पर निवेशकों की जबरदस्त भागीदारी देखी गई और बोली पूरी तरह पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई।
बरेली। दीपावली के शुभ अवसर पर धनतेरस के दिन बीडीए को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। शनिवार को प्राधिकरण परिसर में आयोजित आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों की नीलामी में बीडीए को करीब 150 करोड़ रुपये की आय हुई। इस मौके पर निवेशकों की जबरदस्त भागीदारी देखी गई और बोली पूरी तरह पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई।
बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए मनिकंडन ने बताया कि नीलामी में आवासीय भूखंड, व्यवसायिक भूखंड, शोरूम, स्कूल भूखंड, नर्सिंग होम और हेल्थ सेंटर जैसी संपत्तियों की बोली लगी। खास बात यह रही कि यह नीलामी रामगंगा नगर और ग्रेटर बरेली आवासीय योजनाओं के तहत हुई, जिसमें शहर और बाहर के निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम बीडीए के नवीन कार्यालय भवन में संपन्न हुआ। इस दौरान सचिव वंदिता श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव दीपक कुमार, विशेष कार्याधिकारी अजीत कुमार व नीलम श्रीवास्तव, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी शिवधनी सिंह यादव और अधिशासी अभियंता एपीएन सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
बीडीए का कहना है कि इस नीलामी से न केवल प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि शहर में निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है। बी.डी.ए. का उद्देश्य बरेली को आधुनिक, सुव्यवस्थित और निवेश के लिए आकर्षक शहर बनाना है। इस मौके पर प्राधिकरण की नई टाउनशिप योजना भी चर्चा में रही। यह योजना दिल्ली–लखनऊ बाईपास और बरेली–पीलीभीत राजमार्ग के पास, ग्रेटर बरेली योजना के पूर्व में स्थित है। नई टाउनशिप में 45 मीटर और 30 मीटर चौड़ी मुख्य सड़कें, 18 मीटर चौड़ी आंतरिक सड़कें, भूमिगत बिजली लाइनें और 132 केवीए का विद्युत उपकेंद्र प्रस्तावित है।
योजना में एम्यूजमेंट पार्क, कम्युनिटी सेंटर, होटल, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, साइबर सिटी और मल्टीप्लेक्स जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इसके अलावा विशाल सेंट्रल पार्क और नेबरहुड पार्क भी प्रस्तावित हैं, ताकि शहरवासियों को स्वच्छ और हरे-भरे वातावरण का लाभ मिल सके। बीडीए का दावा है कि यह योजना न केवल बरेली में आवास और व्यवसाय के लिए बड़ा आकर्षण बनेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। उल्लेखनीय है कि बरेली विकास प्राधिकरण प्रदेश का पहला प्राधिकरण है, जो किसानों से आपसी सहमति के साथ भूमि खरीदकर योजनाओं का विकास कर रहा है।