खुसरो हॉस्पिटल के अवैध निर्माण से लेकर फायर की एनओसी न होने और अस्पताल के रजिस्ट्रेशन पर सवाल उठने के बाद अब अस्पताल संचालक की डिग्रियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
बरेली। खुसरो हॉस्पिटल के अवैध निर्माण से लेकर फायर की एनओसी न होने और अस्पताल के रजिस्ट्रेशन पर सवाल उठने के बाद अब अस्पताल संचालक की डिग्रियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि अस्पताल संचालक की डिग्रियां फर्जी है। वह पहले दुकान चलाता था। इसके बाद उसने शेर अली जाफरी से मिलकर खुसरो अस्पताल शुरू कर दिया।
धनेटा फाटक के पास फिरोजपुर में दुकान चलाता था अस्पताल संचालक
अस्पताल के संचालक डॉक्टर जफर अली जाफरी यूं तो शेर अली जाफरी के भाई और परिवार से नहीं है, लेकिन शेर अली जाफरी के सरनेम को उन्होंने अडॉप्ट किया और अपने नाम के आगे डॉक्टर जफर अली जाफरी लिखने लगे। इस मामले में जब डॉक्टर जफर अली जाफरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह एमबीबीएस नहीं है। एमडी हैं। जिस पर उनसे पूछा गया कि एमबीबीएस के बाद एमडी होता है। उन्होंने कहा कि नहीं वह मैनेजिंग डायरेक्टर वाले एमडी हैं।
दुकान बंद होने के बाद किराए पर लिया अस्पताल, बना लिया डॉक्टर का पैनल
डॉक्टर जाफरी से पूछा कि जब वह एमबीबीएस औरएमडी नहीं है तो अपने नाम के आगे डॉक्टर क्यों लिखते हैं। जिस पर उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल चला रहे हैं। इसलिए नाम के आगे डॉक्टर लिख लिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने शेर अली जाफरी से हॉस्पिटल किराए पर लिया है। और वह उसे चला रहे हैं। कथित डॉक्टर जफर अली जाफरी पहले फिरोजपुर में छोटी सी दुकान चलाते थे। इसके बाद उन्होंने शेर अली जाफरी से मिलकर हॉस्पिटल का कारोबार शुरू कर दिया। उनका खुसरो हॉस्पिटल एक बार बंद हो गया था। इसके बाद उन्होंने नए नाम से हकीम अमीर खुसरो (एच ए खुसरो)
हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन करवा लिया और उसे चलाने लगे।