इस बिल पर मुस्लिम समुदाय के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। जहां मौलाना तौकीर रजा इसे वक्फ संपत्तियों पर सरकारी दखल देने वाला कानून बता रहे हैं, वहीं मौलाना शहाबुद्दीन का कहना है कि यह पारदर्शिता लाने और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए जरूरी है।
बरेली। बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल लाया जा रहा है, जिसका विरोध भी शुरू हो गया है। एक तरफ आईएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा इस बिल के खिलाफ हैं, तो दूसरी ओर मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने इसका समर्थन किया है।
इस बिल पर मुस्लिम समुदाय के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। जहां मौलाना तौकीर रजा इसे वक्फ संपत्तियों पर सरकारी दखल देने वाला कानून बता रहे हैं, वहीं मौलाना शहाबुद्दीन का कहना है कि यह पारदर्शिता लाने और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए जरूरी है।
आईएमसी के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बिल किसी भी कीमत पर कबूल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खासतौर से वक्फ विधेयक ले आइए, कोई हर्ज नहीं है। आप इसे ला रहे हैं और किसी की परवाह मत कीजिए, कोई कितना भी विरोध करे। आपको जो करना है, वह करना है। लेकिन जो कार्य किए जाने चाहिए, उन्हें छोड़कर हिन्दू समाज को बरगलाने के लिए यह सब किया जा रहा है। हम पर यह आरोप लगाया जाता है कि हमने नाजायज़ कब्जे करके वक्फ किए हैं, जबकि हमारे बुजुर्गों ने अपनी जायदादों को वक्फ किया है। कई बादशाहों ने भी ऐसा किया। उन्होंने कई मंदिर बनवाए और मंदिरों को जायदादें दीं।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल से मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। इस बिल से उनको कोई खतरा नहीं है। मौलाना ने उम्मीद जताई कि यह बिल संसद में पास हो जाएगा। इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी। विपक्षी दल इसका विरोध करेंगे, क्योंकि उनको वोटबैंक की राजनीति करनी है। शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सियासी जमातों के लोग मुसलमानों को डरा रहे हैं। वक्फ संशोधन बिल को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं। मगर मैं मुसलमानों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि इस बिल से उनकी न मस्जिदें छिनेंगी और न ही दरगाहें। कुछ भी छिनने वाला नहीं है, अफवाहों पर ध्यान न दें।