आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां द्वारा 26 सितंबर को नमाज-ए-जुमा के बाद इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई। नवरात्र, दुर्गा पूजा और उर्स जैसे त्योहारों को देखते हुए जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। देर रात आईएमसी पदाधिकारियों ने ऐलान किया कि कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है और मौलाना तौकीर अब राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन व्यक्तिगत रूप से प्रेषित करेंगे।
बरेली। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां द्वारा 26 सितंबर को नमाज-ए-जुमा के बाद इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई। नवरात्र, दुर्गा पूजा और उर्स जैसे त्योहारों को देखते हुए जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। देर रात आईएमसी पदाधिकारियों ने ऐलान किया कि कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है और मौलाना तौकीर अब राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन व्यक्तिगत रूप से प्रेषित करेंगे।
आईएमसी प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “शहर में अमन-ओ-अमान और शांति बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। इसी कारण इस्लामिया मैदान में किसी तरह का जमावड़ा नहीं होगा। सभी लोग नमाज अदा करने के बाद सीधे अपने-अपने घर लौट जाएं।”
डॉ. नफीस और नदीम खां समेत पदाधिकारियों ने जनता से अपील की कि कोई भी व्यक्ति जुलूस की शक्ल में इकट्ठा न हो।
कार्यक्रम रद्द होने के बावजूद प्रशासन कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है। शुक्रवार को पुलिस और पीएसी के 47 सौ जवानों की तैनाती की गई है। सुरक्षा का जिम्मा पांच एडिशनल एसपी और 13 सीओ संभालेंगे। जगह-जगह सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी।
डीएम अविनाश सिंह ने कहा कि जनपद में धारा 163 लागू है, बिना अनुमति कोई भी आयोजन नहीं होगा। महिला पुलिसकर्मियों के साथ मिशन शक्ति के तहत पैदल मार्च कर सुरक्षा का संदेश भी दिया गया।
एसएसपी अनुराग आर्य नेकहा कि प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण प्रदर्शन निरस्त कर दिया गया है। यदि कोई व्यक्ति जुलूस निकालने की कोशिश करेगा तो उसकी वीडियोग्राफी कराकर मुकदमा दर्ज किया जाएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी।