प्रेमनगर में दिनदहाड़े महिला साइकोलॉजिस्ट के घर में घुसकर मोबाइल लूट की वारदात और रिपोर्ट दर्ज करने में हुई देरी ने पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले में सीओ आशुतोष शिवम ने इंस्पेक्टर प्रेमनगर के खिलाफ एसएसपी को रिपोर्ट भेज दी है।
बरेली। प्रेमनगर में दिनदहाड़े महिला साइकोलॉजिस्ट के घर में घुसकर मोबाइल लूट की वारदात और रिपोर्ट दर्ज करने में हुई देरी ने पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले में सीओ आशुतोष शिवम ने इंस्पेक्टर प्रेमनगर के खिलाफ एसएसपी को रिपोर्ट भेज दी है।
राजेंद्रनगर स्थित पीडब्ल्यूडी आवास विकास कॉलोनी में रहने वाली रेनू वाला पीलीभीत में साइकोलॉजिस्ट हैं। 22 दिसंबर को दोपहर करीब एक बजे घर में अकेली थीं। तभी ई-रिक्शा से आया एक बदमाश खुद को पीडब्ल्यूडी का मेंटेनेंस कर्मचारी बताकर घर में घुस गया। आरोपी ने रेनू से हाथापाई की और मोबाइल लूटकर फरार हो गया। पीड़िता द्वारा तत्काल तहरीर देने के बावजूद, इंस्पेक्टर प्रेमनगर राजबली ने चार दिन बाद रिपोर्ट दर्ज की और लूट को छिनैती की धारा में दर्शाया।
मामले की जांच में सीओ ने घटनाक्रम, धाराओं के चयन और एफआईआर में देरी को गंभीर माना। जांच के बाद इंस्पेक्टर की भूमिका पर सवाल उठाते हुए एसएसपी को विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है। प्रेमनगर पुलिस ने जोगीनवादा निवासी आरोपी मंजीत राठौर को गिरफ्तार कर लिया है। उसके कब्जे से लूटा गया मोबाइल और वारदात में प्रयुक्त ई-रिक्शा बरामद कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट के आधार पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई की संभावना है। मामले ने एक बार फिर एफआईआर में देरी और धाराओं में हेरफेर को लेकर पुलिस की जवाबदेही पर बहस छेड़ दी है। इंस्पेक्टर प्रेमनगर राजबली विभागीय जांच के घेरे में आ गए हैं।