बरेली

“आई लव मोहम्मद” विवाद पर तौकीर रजा और शहाबुद्दीन रजवी के अलग-अलग सुर, जाने किसने क्या कहा…

शहर में “आई लव मोहम्मद” विवाद को लेकर मुस्लिम समाज के दो बड़े मौलानाओं ने बिल्कुल अलग-अलग राय रखी है। एक तरफ आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 26 सितंबर को प्रदर्शन करने का ऐलान किया है और देश के हालात पर नाराज़गी जताई और कहा कि भारत अघोषित तौर पर हिंदू राष्ट्र बन चुका है।

2 min read
Sep 25, 2025
मौलाना तौकीर रजा और मौलाना शहाबुद्दीन (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। शहर में “आई लव मोहम्मद” विवाद को लेकर मुस्लिम समाज के दो बड़े मौलानाओं ने बिल्कुल अलग-अलग राय रखी है। एक तरफ आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 26 सितंबर को प्रदर्शन करने का ऐलान किया है और देश के हालात पर नाराज़गी जताई और कहा कि भारत अघोषित तौर पर हिंदू राष्ट्र बन चुका है। वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मोहब्बत के नाम पर अमन, शांति और कानून-व्यवस्था कायम रखने की अपील की है।

तौकीर रजा ने किया प्रदर्शन करने का ऐलान

मंगलवार को मीडिया से बातचीत में मौलाना तौकीर ने कहा कि मुसलमानों पर लगातार झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। शिकायत करने जाते हैं तो उल्टा हमारे ही युवाओं पर केस हो जाते हैं। उन्होंने नवरात्र में मीट पर पाबंदी को इसका ताज़ा उदाहरण बताते हुए कहा कि माहौल पहले से ही हिंदू राष्ट्र जैसा बना दिया गया है। उन्होंने डॉ. नफीस के विवादित बयान पर कहा कि उनकी भाषा गलत थी, लेकिन मंशा सिर्फ आक्रोशित युवाओं को शांत करना था। मौलाना तौकीर ने चेतावनी दी कि अगर मुस्लिम नौजवान उलमा से निराश होकर गलत रास्ता अपनाते हैं तो नुकसान पूरे देश को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने साफ कहा हमें कत्ल कर दीजिए, लेकिन हमारे धर्म में दखल मत दीजिए। 26 सितंबर को उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का ऐलान भी किया।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने दी नसीहत

वहीं दूसरी ओर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने साफ कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम से मोहब्बत हमारा ईमान है, लेकिन इस मोहब्बत का इज़हार सड़कों पर हंगामा करके, पुलिस से भिड़कर या दुकानों में तोड़फोड़ करके नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह पैगंबर की शिक्षा के खिलाफ है। उन्होंने कहा अच्छा मुसलमान वही है जिसके हाथ और ज़बान से किसी को तकलीफ न पहुँचे। पैगंबर ने पूरी दुनिया को अमन और मोहब्बत का पैग़ाम दिया। इसलिए हमें भी उसी राह पर चलना चाहिए। उन्होंने नमाज़ की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि पांच वक्त की नमाज़ और पैगंबर की सीरत पर अमल करना ही असली इबादत है, न कि बैनर और होर्डिंग्स लगाना।

दो सुर, एक मकसद

हालांकि दोनों मौलानाओं की बातें अलग-अलग हैं, लेकिन मकसद एक ही है—मुस्लिम समाज के नौजवान किसी भी हाल में कानून अपने हाथ में न लें और शहर का माहौल खराब न करें। अब सबकी नज़र 26 सितंबर को होने वाले प्रदर्शन पर टिकी है, जिसे लेकर पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।

Also Read
View All

अगली खबर