बाड़मेर के केलनोर गांव के बनीशपुरी ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर ऑल इंडिया में 113वीं रैंक हासिल की। वहीं, नर्सिंग ऑफिसर तुलछाराम चौधरी के पुत्र पीयूष चौधरी ने सीडीएस परीक्षा में 58वीं रैंक के साथ लेफ्टिनेंट पद पाया।
बाड़मेर: रेगिस्तान के भारत-पाक बॉर्डर के पास बसे छोटे से गांव केलनोर (चौहटन) निवासी बनीशपुरी ने भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर पद पर चयनित होकर पूरे जिले का नाम रोशन किया है। उन्होंने ऑल इंडिया में 113वीं रैंक हासिल की है।
वहीं, बाड़मेर के ही पीयूष चौधरी ने भारतीय थल सेना की प्रतिष्ठित सीडीएस परीक्षा में 58वीं रैंक के साथ लेफ्टिनेंट पद हासिल किया है। बनीश ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि जब मैं छह साल का था, तब दादा-दादी से कहा करता था कि एक दिन मैं फाइटर प्लेन उड़ाऊंगा। बॉर्डर के पास पला-बढ़ा हूं, इसलिए आर्मी और एयरफोर्स के प्रति लगाव हमेशा रहा।
बनीशपुरी ने बताया, मेरे पिता और मामा ने हर कदम पर मुझे प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि रेगिस्तानी इलाकों में संसाधनों की कमी जरूर है, लेकिन मजबूत इच्छाशक्ति और मेहनत से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
लकड़ी का काम करने वाले एक साधारण परिवार के बेटे बनीशपुरी की इस उपलब्धि से केलनोर गांव और आसपास के इलाकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
वहीं, बाड़मेर जिला अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर तुलछाराम चौधरी के पुत्र पीयूष चौधरी ने भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट पद पाया है। वे एनसीसी कैडेट भी रहे और पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की। उनकी माता सरकारी विद्यालय की प्रधानाचार्य हैं।