Barmer News: बाड़मेर व बालोतरा जिला बजरी को लेकर लंबे समय से चर्चित रहा है। यहां अवैध बजरी का परिवहन ज्यादा रहा है। ऐसे में अब सरकार अलग-अलग बजरी लीज के पट्टे देकर अवैध बजरी पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है
Barmer News: सरकार ने बजरी को लेकर आमजन को राहत देने के लिए बजरी लीज पट्टाधारक के लिए सख्त नियम बनाए हैं, जिससे नदी को नुकसान कम करने के साथ ही बजरी दर को भी नियंत्रित रखा गया है। वर्तमान में बाड़मेर व बालोतरा में वैध बजरी को लेकर एक भी लीज का संचालन नहीं हो रहा है।
ऐसे में अवैध बजरी का खनन बढ़ा है, लेकिन अब बालोतरा में दो पट्टा धारकों को खनिज विभाग ने अंतिम स्वीकृति जारी कर दी है, लेकिन उन्हें ईसी (पर्यावरण स्वीकृति) नहीं मिली है। ऐसे में खनन के साथ परिवहन शुरू नहीं हुआ है। जबकि बाड़मेर के सिणधरी में बजरी की चार लीज जारी करने के लिए विभाग ने नीलामी ऑर्डर निकाला है। सिणधरी क्षेत्र में चार लीज दी जाएगी। इसके बाद बजरी को लेकर राहत मिलने की उम्मीद है।
बाड़मेर व बालोतरा जिला बजरी को लेकर लंबे समय से चर्चित रहा है। यहां अवैध बजरी का परिवहन ज्यादा रहा है। ऐसे में अब सरकार अलग-अलग बजरी लीज के पट्टे देकर अवैध बजरी पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है। सिणधरी में पहली बार अलग-अलग चार लीज धारकों को पट्टे दिए जाएंगे। इसको लेकर विभाग ने ई-नीलामी के विज्ञप्ति जारी कर दी गई है।
सिणधरी के पायला खुर्द, पायला कला, सडा व आदर्श सडा में बजरी खनन के लिए पट्टे जारी किए जाएंगे। पट्टे जारी होने के बाद पर्यावरण स्वीकृति मिलेगी। इसके बाद नदी में खनन के बाद दो किमी दायरे में स्टॉक स्थल बनेगा। वहीं सरकार ने इस बार ऐसी सख्त नियम लागू किए गए है। सरकार का सख्त नियम है कि पट्टा धारक बजरी रॉयल्टी से चार गुणा ही राशि वसूल कर सकेगा। सरकार की 51.30 रुपए प्रति टन रॉयल्टी है। ऐसे में पट्टा धारक खनन, परिवहन व भराई समेत 200 रुपए प्रति टन वसूल करेगा।
बालोतरा में पूर्व में बजरी खनन की नीलामी हो चुकी है। अब सिणधरी क्षेत्र में पट्टे देने के लिए ई-नीलामी होगी। सिणधरी क्षेत्र में चार अलग-अलग पट्टे दिए जाएंगे।