राजस्थान की बहुप्रतीक्षित पचपदरा रिफाइनरी के जल्द शुरू होने के संकेत अब स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) ने रिफाइनरी परिसर में कमीशनिंग गतिविधियां शुरू कर दी है।
Pachpadra Refinery Balotra: बालोतरा। राजस्थान की बहुप्रतीक्षित पचपदरा रिफाइनरी के जल्द शुरू होने के संकेत अब स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) ने रिफाइनरी परिसर में कमीशनिंग गतिविधियां शुरू कर दी है। परियोजना के कुल 9 फ्लेयर स्टैंकों में से तीन फ्लेयर सफलतापूर्वक चालू हो चुके हैं, जिसे रिफाइनरी संचालन के अंतिम चरण में प्रवेश का अहम संकेत माना जा रहा है।
अब तक परियोजना का 90.1 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह देश की पहली इंटीग्रेटेड रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स परियोजना है, जिसमें एचपीसीएल का अब तक का सबसे बड़ा निवेश किया गया है। यह रिफाइनरी राज्य के औद्योगिक विकास के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी नई मजबूती प्रदान करेगी।
जानकारी के अनुसार, तीन फ्लेयर की सफल कमीशनिंग के साथ नेचुरल गैस की आपूर्ति भी शुरू हो चुकी है। इससे रिफाइनरी की कूड डिस्टिलेशन यूनिट (सीडीयू) के जल्द चालू होने की संभावना प्रबल हो गई है। सीडीयू को रिफाइनरी की 'मदर यूनिट' कहा जाता है, जहां कच्चे तेल की प्राथमिक प्रोसेसिंग की जाती है।
परियोजना में सीडीयू, वीडीयू और एफएचटीयू जैसी प्रमुख यूनिटों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। अनुमान है कि 31 दिसंबर 2025 तक रिफाइनरी का मैकेनिकल कंप्लीशन हो जाएगा, जबकि जनवरी 2026 से सभी नौ यूनिटों की कमीशनिंग प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में मार्च 2026 तक रिफाइनरी के पूर्ण क्षमता से संचालन में आने की उम्मीद है।
4035 केटीपीएः डीजल
995 केटीपीए: गैसोलीन
1073 केटीपीए: पॉलीप्रोपाइलीन
958 केटीपीएः पॉलीइथाइलीन (एलएलडीपीई / एचडीपीई संयुक्त)
(किलोटन प्रति वर्ष)
पचपदरा रिफाइनरी का नेल्सन कॉम्प्लेक्सिटी इंडेक्स 17.0 है, जो इसे विश्व की उच्च श्रेणी की रिफाइनरियों में शामिल करता है। यहां उच्च गुणवत्ता का गैसोलीन, डीजल और प्रतिवर्ष 2.4 एमएमटीपीए पेट्रोकेमिकल उत्पाद तैयार किए जाएंगे। परियोजना में 26 प्रतिशत से अधिक पेट्रोकेमिकल यील्ड का लक्ष्य रखा गया है। रिफाइनरी के चालू होने से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। साथ ही पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और अन्य पेट्रोकेमिकल उत्पादों के उत्पादन से भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी मजबूती मिलेगी।
पचपदरा रिफाइनरी में कमीशनिंग गतिविधियां नियमानुसार और उच्चतम सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ चल रही हैं। तीन फ्लेयर के सफल संचालन से परियोजना के तेजी से आगे बढ़ने के संकेत मिले हैं। जिला प्रशासन पूरे समन्वय के साथ कार्य कर रहा है, ताकि रिफाइनरी समयबद्ध तरीके से संचालन के लिए तैयार हो सके।
सुशील यादव, जिला कलक्टर, बालोतरा