Beauty Tips: चेहरे पर आप कई तरह की क्रीम का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए जो BB क्रीम, CC क्रीम या फिर DD क्रीम का उपयोग करते हैं, उनका Full Form क्या है और लगने के क्या फायदे हैं? तो आज हम यह सब इस लेख में बताएंगे।
Beauty Tips: मेकअप के कई ऐसे प्रोडक्ट्स हैं जिनके बारे में लोग जानते ही नहीं हैं कि किसे कब और कैसे लगाना चाहिए। पहले के टाइम में जहां फाउंडेशन का इस्तेमाल सिर्फ दाग-धब्बों को छुपाने के लिए किया जाता था, वहीं अब फाउंडेशन के कई तरह के शेड्स, ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स आ चुके हैं। लेकिन यहां भी कई लोग हैं जिन्हें सही से पता नहीं होता कि कौन सा प्रोडक्ट किसके लिए बना है। आजकल फाउंडेशन से हल्की क्रीम, BB क्रीम, CC क्रीम और DD क्रीम आ गई हैं जो फाउंडेशन की ही तरह चेहरे को खूबसूरत बनाती हैं, लेकिन ये काफी हल्के वर्शन होते हैं। लेकिन लोग फाउंडेशन समझ कर कोई भी क्रीम खरीद लेते हैं, जबकि उन्हें यह नहीं पता कि आखिर कौन सा सबसे बेस्ट है। तो आइए जानते हैं आज।
इस क्रीम का पूरा नाम Blemish Balm या Beauty Balm है। बीबी क्रीम एक फेस क्रीम है, जो दाग-धब्बे को छुपाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह एक हल्का फाउंडेशन होता है जो त्वचा को मॉइश्चराइज करता है, सूरज की किरणों से भी बचाता है और त्वचा के रंग को एक नेचुरल टच देता है। इस क्रीम में सनस्क्रीन, हाइड्रेटिंग एजेंट्स और एंटी-एजिंग तत्व होते हैं, जो हल्के या मध्य कवरेज देते हैं।
यह मेकअप प्रोडक्ट का पूरा नाम Color Correcting Cream है, जो त्वचा के रंग को सुधारे में मदद करता है, जैसे कि रेडनेस, डार्क स्पॉट्स और काले घेरे। यह बीबी क्रीम से ज्यादा रंग के कॉम्प्लेक्शन को सुधारने में मदद करता है। इसमें ग्रीन, पिंक, और येलो टोन होते हैं, जो स्किन टोन के अनुसार स्किन पर लगाए जा सकते हैं।
डीडी क्रीम एक अल्टीमेट स्किनकेयर प्रोडक्ट है, जो बीबी और सीसी क्रीम दोनों के फायदे एक साथ देता है। इसे लगाने से आपकी त्वचा का देखभाल होने के साथ-साथ एक शानदार लुक भी मिलता है। इसमें एंटी-एजिंग, हाइड्रेशन और रंग सुधार के अलावा, स्किन टोन और टेक्सचर को सुधारने में मदद करता है। डीडी क्रीम आम तौर पर उन लोगों के लिए है जो अधिक एंटी-एजिंग और त्वचा की देखभाल की उम्मीद रखते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।