Bihar News: बेगूसराय में विजिलेंस ने महज 1800 रुपये की रिश्वत लेते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी और नाजिर को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि अधिकारी ने 18000 का एक बिल क्लियर करने के लिए यह कमीशन मांगा था।
Bihar News: बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के बीच बेगूसराय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां महज 1800 रुपये की रिश्वत ने एक अफसर और उसके सहयोगी का पूरा करियर दांव पर लगा दिया। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजिलेंस) की टीम ने जिला कल्याण पदाधिकारी (DWO) मनोज कुमार अग्रवाल और कार्यालय के नाजिर जैनेन्द्र कुमार सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से जिले के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
इस पूरे मामले की शुरुआत बछवाड़ा निवासी मुकेश राम की शिकायत से हुई। शिकायतकर्ता ने निगरानी ब्यूरो को बताया था कि कल्याण विभाग में सप्लाई किए गए सामान के बिल भुगतान के एवज में उससे 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है। कुल 18 हजार रुपये के बिल पर 1800 रुपये रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाया गया था। शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग ने मामले की जांच की और सत्यापन कराया। जांच में रिश्वत मांगने की बात सही पाए जाने पर निगरानी ने पूरी योजना के तहत जाल बिछाया।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम पटना से बेगूसराय पहुंची और तय रणनीति के अनुसार शिकायतकर्ता को रिश्वत की रकम के साथ कार्यालय भेजा गया। जैसे ही DWO और नाजिर ने 1800 रुपये स्वीकार किए, विजिलेंस टीम ने मौके पर छापेमारी कर दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया। कार्रवाई विकास भवन स्थित जिला कल्याण कार्यालय में की गई।
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को सर्किट हाउस ले जाया गया, जहां उनसे पूछताछ की गई और फिर कागजी कार्रवाई पूरी की गई। निगरानी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में निगरानी थाना कांड संख्या 114/25 दर्ज किया गया है। दोनों आरोपियों को आगे की कार्रवाई के लिए विशेष निगरानी न्यायालय, भागलपुर में प्रस्तुत किया जाएगा। न्यायालय के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।