भरतपुर के अपना घर आश्रम में हुआ मिलन, 17 साल पहले मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने पर घर से निकली थी मां, परिवार ने समझा नहीं है दुनिया में, सोशल मीडिया बना माध्यम
भरतपुर। मानसिक अवसाद के बीच 17 साल पहले घर से बिछुड़ी मां का मिलन जब अपनी बेटी से हुआ तो आंसुओं ने थमने का नाम ही नहीं लिया। अपना घर आश्रम में हुए इस घटनाक्रम ने सभी की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। वजह, जब मां घर से निकली तो बेटी महज तीन-चार साल की थी और अब उसकी शादी हो चुकी है। मां एकबारगी बेटी को नहीं पहचान सकी, लेकिन बेटी मां को देखते ही गले लगकर रो दी।
जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के झांसी जिले की रहने वाली रानी 17 साल पहले घर से निकली थी। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इधर-उधर भटकते-भटकते वह बीकानेर पहुंच गई। यहां उसे नारी निकेतन में रखा गया। वहां उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए जून 2018 में अपना घर भेज दिया गया। यहीं उसका इलाज चल रहा था।
रानी के बेटे रोहित झा ने बताया कि मां के जाने के बाद पिता ने उन्हें ढूंढ़ने का काफी प्रयास किया। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा सभी जगह मां को तलाश करने के लिए पंफलेट लगवाए थे। लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे परिजनों ने मान लिया कि अब मां इस दुनिया में नहीं है। अचानक सोशल मीडिया पर अपना घर का वीडियो देखा। जिसमें रिश्तेदारों ने मां को पहचान लिया। इसके बाद परिवार ने अपना घर ने संपर्क किया और मां से 17 साल बाद मिलना हुआ।
अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि रजनी की स्थिति अब ठीक है। परिवार के संपर्क करने पर अपना घर से फोटो-वीडियो भेजे गए, परिवार को भरोसा हुआ कि मां अभी जिंदा है। आश्रम की ओर से रजनी के बेटे व उनके परिजनों से पहचान पत्र प्राप्त कर चितगुआ झांसी उत्तरप्रदेश के लिए रवाना किया। अब रजनी वहां अपने भरे-पूरे परिवार से मिल सकेंगी।