भरतपुर

SMS Hospital Fire : भरतपुर के 3 मरीजों की मौत, हुआ अंतिम संस्कार, परिवार में शोक का माहौल, शेरू ने बयां किया आंखों देखा हाल…

SMS Hospital Fire : जयपुर के एसएमएस अस्पताल में 5 अक्टूबर देर रात हुई आगजनी से भरतपुर जिले की 2 महिला व एक पुरुष मरीज की दम घुटने से मौत हो गई। इन सभी के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। तीनों परिवार में शोक का माहौल है।

3 min read
भरतपुर के तीनों मृतक। फोटो पत्रिका

SMS Hospital Fire : जयपुर के एसएमएस अस्पताल में 5 अक्टूबर देर रात हुई आगजनी से भरतपुर जिले के तीन लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में 2 महिलाएं व एक पुरुष मरीज शामिल हैं। इन सभी के शवों का अंतिम संस्कार देर रात कर दिया गया था। तीनों परिवार में शोक का माहौल है। इनके नाम गोपालगढ़ चर्च पास रहने वाली मृतका रुक्मणि कौर (55 वर्ष), सालाबाद के श्रीनाथ (54 वर्ष) और हतिजर की कुसुमा (54 वर्ष) हैं। ये तीनों ही भरतपुर जिले की निवासी हैं।

ये भी पढ़ें

SMS Hospital Fire Tragedy : मृतकों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा, सीएम भजनलाल ने की घोषणा

रुक्मणि के पति के दोनों पैर खराब

कुसुमा के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। वहीं रुक्मणि पूरे घर को संभाल रही थी। रुक्मणि के दो बेटे शेरू और छोटा बेटा घर में कमाने वाले हैं। रुक्मणि की दो बेटियां हैं जिनकी शादी हो चुकी है। रुक्मणि के पति बच्चू सिंह के दोनों पैर खराब हैं। दूसरी तरफ रुक्मणि के बेटा शेरू की भी हालत खराब है क्योंकि वह अपनी मां को बचाते समय जहरीले धुएं की चपेट में आ गया था। जिसके बाद उसे जयपुर में ही एडमिट किया गया था।

रुक्मणि के बेटे शेरू ने आंखों देखा हाल बयां किया…

भरतपुर शहर के गोपालगढ़ चर्च पास रहने वाली मृतका रुक्मणि के बेटे शेरू ने आंखों देखा हाल बयां किया है। मृतका रुक्मणि के बेटे शेरू ने बताया कि जब स्पार्किंग हो रही थी, उस समय वह खुद वहां ट्रॉमा सेंटर में मौजूद था। चार-पांच बार वार्ड बॉय को बोला कि सर, तारों में स्पार्किंग हो रही है। अभी किसी इलेक्ट्रिशयन को बुलाकर दिखवा दीजिए, वरना् बिजली चली जाएगी, लेकिन सभी ने बात को अनसुना कर दिया।

इतने में मां के पास में ही दूसरे बेड पर भर्ती मरीज के परिजन अंशुल ने भी उन्हें कहा कि सर स्पार्किंग ज्यादा हो रही है। एक बार दिखवा लीजिए। यह बढ़ भी सकती है, लेकिन उनकी बात को भी नहीं सुना गया। धीरे-धीरे स्पार्किंग बढ़ने लगी और धुआं वार्ड में फैलने लगा। कुछ देर में ही धुआं के बीच आग भी फैलने लगी तो स्टाफ का हरेक कर्मचारी वहां से भाग गया। हमने मरीजों को बाहर निकालने की कोशिश की तो सुरक्षाकर्मियों ने सभी को बाहर निकाल दिया।

मरीजों की बात अनसुना किया इसलिए हुआ इतना बड़ा हादसा

शेरू ने बताया कि हकीकत यह थी कि वहां कोई मौजूद नहीं था। सेंटर में लाइटें एक के बाद एक बंद होने से अंधेरा छा गया। वहां रुकना तो दूर की बात है, एक-दूसरे को देखना तक मुश्किल हो रहा था। कुछ देर बाद जब रात को साढ़े 12 बजे अंदर घुसना चाहा तो सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। सेंटर के बाहर जबरन जाकर पूछा तो कहा कि तुम्हारी मां को निकाल लिया गया है। डेढ़ घंटे बाद जबरन अंदर घुसकर मैंने मां के बेड को खींचकर बाहर निकाला और वहां खड़े दो-तीन लोगों ने मदद की तो मैं मां को नीचे लेकर आया।

कर्मचारी तो दूर की बात है, वहां कोई डॉक्टर तक नहीं था। आपातकालीन वार्ड में शिफ्ट कर दिया। वहां किसी ने कुछ नहीं बताया। शेरू ने बताया कि पूरे प्रकरण में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही रही है। अगर समय पर मरीजों की बात अनसुना नहीं किया जाता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।

लोग बोले : परिजनों को मिलनी चाहिए सहायता राशि

गोपालगढ़ चर्चा निवासी मृतका के पड़ोसियों ने कहा कि राज्य सरकार की नजर में सभी मृतकों के परिजन समान होने चाहिए। साथ ही प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा देनी चाहिए। इसके अलावा भरतपुर, वैर व बयाना समेत तीनों मृतकों के परिजनों को सहायता राशि स्वीकृत करनी चाहिए।

तीनों परिवार को झकझोर कर रख दिया

तीनों परिवार के लोग इस घटना का जिम्मेदार SMS अस्पताल प्रशासन को बता रहे हैं। इस घटना ने भरतपुर के तीनों परिवार को झकझोर कर रख दिया है। कुसुमा की मौत के बाद उसके बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है।

ये भी पढ़ें

SMS Hospital Fire : एसएमएस की घटना के बाद अन्य राज्यों पर एक नजर, कहीं फायर सेफ्टी फेल, कहीं इमरजेंसी निकास तक नहीं

Also Read
View All

अगली खबर