Ghana Bird Sanctuary : विश्वप्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना) भरतपुर इन दिनों रंगीन परिंदों की चहचहाहट खिला हुआ है। पर एशियन वॉटर बर्ड्स सेंसस-2025 की रिपोर्ट के अनुसार घना में 11 प्रमुख जलपक्षी प्रजातियां इस बार दिखाई नहीं दीं। विशेषज्ञ चिंतित हैं।
Ghana Bird Sanctuary : विश्वप्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना) इन दिनों अपने रंगीन परिंदों की चहचहाहट से कुछ खाली-खाली महसूस हो रहा है। एशियन वॉटर बर्ड्स सेंसस-2025 की रिपोर्ट के अनुसार घना में 11 प्रमुख जलपक्षी प्रजातियां इस बार दिखाई नहीं दीं, जबकि कई अन्य प्रजातियों की संख्या भी सामान्य से कम पाई गई। विशेषज्ञ इसके लिए जलवायु परिवर्तन, वैश्विक वेटलैंड्स में बदलाव और प्रवासी मार्गों में शिफ्टिंग को जिम्मेदार मान रहे हैं। घना प्रशासन का कहना है कि पक्षी मौजूद हैं, संभवतः गणना के समय वे अन्य क्षेत्रों में चले गए हों। इसके बावजूद लगातार घटती उपस्थिति विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
घना में वन्यजीव गणना–2025 ने उत्साहजनक संकेत दिए हैं। पेंटेड स्टॉर्क की संख्या बढ़कर 2,577 हो गई, जो इसे उद्यान की सबसे बड़ी कॉलोनी बनाती है। कॉमन कूट की रिकॉर्ड 7,122 गिनती दर्ज हुई। साथ ही फाल्केटेड टील नामक दुर्लभ बतख प्रजाति पहली बार देखी गई।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में हर वर्ष 350 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ आती हैं, जिनमें लगभग 200 प्रवासी पक्षी साइबेरिया, मंगोलिया, यूरोप, रूस, कजाकिस्तान और अफ्रीका जैसे देशों से हजारों किलोमीटर की उड़ान भरकर पहुंचते हैं। सर्दियों में ये पक्षी भोजन, सुरक्षा और प्रजनन के अनुकूल वातावरण के लिए घना को चुनते हैं।
38,736 पक्षी गिने गए।
2,577 रही पेंटेड स्टॉर्क की संख्या।
4,919 रही नॉर्दर्न पिंटेल की संख्या।
6,181 गिनती की गई गैडवाल पक्षी की।
7,122 नजर आए कॉमन कूट।
गैडवाल और नॉर्दर्न पिंटेल जैसी कुछ बतख प्रजातियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन कई दुर्लभ पक्षी अभी भी गायब हैं। साइबेरियन क्रेन दो दशक से नहीं दिखा, ओरिएंटल स्टॉर्क भी अनुपस्थित रहा। वहीं ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क केवल चार की संख्या में दर्ज हुए, जो संरक्षण के लिए चिंता का संकेत है।
गणना में कई महत्वपूर्ण प्रजातियां नहीं दिखीं। इनमें ग्रीब्स व पेलिकंस में रेड-नेक्ड ग्रीब और डाल्मेटियन पेलिकन, बगुले व सारस समूह में ब्लैक स्टॉर्क और ओरिएंटल स्टॉर्क, क्रेन व फ्लेमिंगो में साइबेरियन क्रेन, बतख–गीज में मार्बल्ड टील तथा प्रवासी तटीय व शिकारी पक्षियों में स्पून-बिल्ड सैंडपाइपर और पेरग्रिन फाल्कन शामिल हैं।