‘विकास रथ’ के दौरान पानी की किल्लत सामने आने पर कामां विधायक नौक्षम चौधरी का सख्त रुख दिखा। उन्होंने जलदाय अधिकारियों को फोन पर फटकार लगाते हुए कहा कि अगर जनता को पानी नहीं मिल सकता तो उनके दफ्तर का कनेक्शन भी काट दिया जाए।
MLA Nauksham Chaudhary: राजस्थान की भजनलाल सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर प्रदेशभर में चल रहे ‘विकास रथ’ अभियान के दौरान कामां विधायक नौक्षम चौधरी का सख्त और आक्रामक अंदाज देखने को मिला। कस्बे में पानी की गंभीर किल्लत सामने आते ही विधायक ने मौके पर ही जलदाय विभाग के अधिकारियों को फोन कर कड़ी फटकार लगाई।
विधायक नौक्षम चौधरी ने साफ शब्दों में कहा कि अगर जनता को पीने का पानी नहीं मिल सकता, तो उनके दफ्तर का कनेक्शन भी बंद कर दिया जाए। विकास रथ जब अपने अंतिम पड़ाव कामां पहुंचा तो विधायक चौधरी ने स्थानीय लोगों से सीधा संवाद किया।
इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया, कस्बे के कई वार्डों में पिछले छह दिनों से पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप है। महिलाओं ने कहा कि उन्हें दूरदराज से पानी लाना पड़ रहा है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। जनता की बात सुनते ही विधायक का तेवर बदल गया और उन्होंने तुरंत संबंधित अधिकारी को फोन लगाया।
फोन पर बातचीत के दौरान विधायक ने कड़े लहजे में कहा, हर वार्ड में महिलाएं बैठी हैं और सभी एक जैसी शिकायत कर रही हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि अधिकारी यह मानते हैं कि आम लोग बिना पानी के रह सकते हैं, तो पहले उनके कार्यालय का पानी बंद किया जाए। विधायक की इस सख्ती से मौके पर मौजूद अफसरों में हड़कंप मच गया।
विधायक नौक्षम चौधरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अगले ही दिन सभी वार्डों का दौरा कर वास्तविक स्थिति की जांच करें और पानी की समस्या का तत्काल समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, कागजी रिपोर्ट और फाइलों से विकास नहीं होता, बल्कि जनता को बुनियादी सुविधाएं मिलना ही असली विकास है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि किसी भी हाल में आमजन को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
पानी की समस्या पर नाराजगी जाहिर करने के बाद विधायक ने क्षेत्रवासियों को एक बड़ी सौगात की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि कामां क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग को जल्द पूरा किया जाएगा। नए साल में कस्बे का नाम बदलकर ‘कामवन’ किए जाने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है। इससे क्षेत्र की सांस्कृतिक और पौराणिक पहचान को नया आयाम मिलेगा।