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Bhilai News: भिलाई स्टील प्लांट में दिखा तेंदुआ, कर्मचारियों में मचा हड़कंप, देखें Video

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट के बीआरएम के पास शिपिंग साइड में पटरी के पास से गुजरते हुए एक तेंदुए दिखा है। इससे कर्मचारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

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Jan 29, 2025

Bhilai News: भिलाई स्टील प्लांट के बार एण्ड रॉड मिल (बीआरएम) शिपिंग साइड में रात के वक्त तेंदुआ नजर आने की खबर मिली है। इसका कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाया है। इसे उन्होंने बीएसपी के ग्रुप में शेयर किया है।

भिलाई स्टील प्लांट बड़े क्षेत्र में फैला है। अलग-अलग विभाग के कर्मचारी तीनों शिफ्ट में काम पर आना-जाना करते हैं। ऐसे में तेंदुआ के प्लांट के भीतर किसी भी जगह पर होना बेहद खतरनाक है। इधर मैत्रीबाग की टीम लेपर्ड की तलाश में प्लांट के भीतर बुधवार को जाने की तैयारी कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि उनके साथ वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

235 किलोमीटर में बिछा है रेलवे ट्रैक

बीएसपी के भीतर 235.45 किलोमीटर में रेलवे ट्रैक बिछा हुआ है। इसमें करीब 72 डीजल इंजन दौड़ते रहते हैं। 26 डायमंड क्रासिंग्स भी है। प्लांट में हर दिन करीब 1000 रेलवे वैगन्स की हैण्डलिंग करता है। इस तरह से प्लांट में किस पटरी के पास से लेपर्ड गुजर रहा है, वह भी सही तौर पर कहा नहीं जा सकता है।

देखें VIDEO

पटरी के बाजू चल रहा था तेंदुआ

प्लांट के भीतर में पटरी के बाजू से तेंदुआ का चलता हुआ वीडियो सामने आया है। इसे देखकर कर्मचारियों में दहशत है। वैसे अब तक किसी को नुकसान पहुंचाने की सूचना नहीं है। इस वजह से प्रबंधन ने भी इस मामले में संयम बरता हुआ है। लेपर्ड प्लांट के भीतर है, तो कहां है और किस स्थान पर वर्तमान में मूवमेंट कर रहा है। यह सारे सवाल उठ रहे हैं।

650 कैमरे से कैसे बच गया तेंदुआ

भिलाई इस्पात संयंत्र में 130 सीसीटीवी कैमरे प्रमुख गेट के साथ-साथ संयंत्र के भीतर में लगाए गए हैं। 520 नए कैमरे लगाए जा चुके हैं। इस तरह से कुल 650 से अधिक सीसीटीवी कैमरे संयंत्र की निगरानी के लिए लगाए गए हैं। इन कैमरों पर सीआईएसएफ की नजर 24 घंटे रहती है। आखिर तेंदुआ इन कैमरों से कैसे बचकर भीतर तक पहुंच गया है। प्लांट के बाऊंड्रीवाल में भी कैमरे लगाए गए हैं।

8,993 एकड़ क्षेत्र में फैला भिलाई स्टील प्लांट

भिलाई स्टील प्लांट करीब 8,993 एकड़ क्षेत्र में फैला है। इसमें बड़े क्षेत्र में झाड़ियां हैं। लेपर्ड इन झाड़ियों में कहां है, यह तलाश पाना आसान नहीं है। यही वजह है कि प्लांट में चोर आसानी से आते हैं और कॉपर पार कर ले जाते हैं।

700 से अधिक जवानों की तैनाती

बीएसपी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले ही सीआईएसएफ के 700 जवानों की तैनाती अलग-अलग पाली में रहती है। तब जवानों के नजर से कैसे बचकर प्लांट के भीतर तक लेपर्ड पहुंच सकता है।

मैत्रीबाग की टीम जाएगी प्लांट

मैत्रीबाग के प्रभारी डॉ. एनके जैन ने बताया कि लेपर्ड की तलाश के लिए टीम बुधवार को बीएसपी के भीतर जाएगी। मंगलवार को भी वन विभाग और मैत्रीबाग की टीम गई थी।

Published on:
29 Jan 2025 03:14 pm
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