भिलाई

IIT Bhilai: भोरमदेव पर रिसर्च करेगा आईआईटी, टूरिज्म बढ़ाने बनाएगा प्लान…

IIT Bhilai: एक ऐतिहासिक शहर के रूप में बारसूर के सांस्कृतिक महत्व का अध्ययन किया गया है। बारसूर की जीवंत विरासत के रखरखाव में आने वाली चुनौतियों को समझा है।

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Feb 18, 2025

IIT Bhilai: आईआईटी भिलाई हमारी प्राचीन धरोहरों को सहेजने और पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। कवर्धा के भोरमदेव मंदिर से लेकर बस्तर बारसुर पर रिसर्च शुरू होगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ योजना आयोग ने आईआईटी भिलाई के लिबरल आर्ट विभाग को अहम जिम्मेदारी सौंपी है।

IIT Bhilai: स्तर जिले के बारसूर पर रिसर्च शुरू

आईआईटी प्रदेश की प्राचीन विरासतों पर रिसर्च करके बताएगा कि यहां पर्यटन को कैसे बढ़ाया जा सकता है। इसी तरह वह स्पॉट कैसे वहां के स्थाई निवासियों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ाएंगे। इसकी पहली कड़ी में आईआईटी ने बस्तर जिले के बारसूर पर रिसर्च कर शुरू कर दी है। आईआईटी की टीम ने यहां के 6 मंदिरों पर शोध कर अपनी रिपोर्ट तैयार की है, जिसे जल्द ही योजना आयोग को सौंपा जाएगा।

बारसूर के सांस्कृतिक महत्व का अध्ययन

IIT Bhilai: इस रिपोर्ट में दिए सुझावों के बाद आयोग पर्यटन की दृष्टि से डवलप करने आगे की रणनीति बनाएगा। आईआईटी भिलाई ने बारसूर के मंदिरों का टाइपोलॉजिकल सर्वे किया है, जिसमें उन मंदिरों की आयु के हिसाब से वर्तमान समय में सहेजने के लिए जरूरी सुझाव दिए गए हैं।

एक ऐतिहासिक शहर के रूप में बारसूर के सांस्कृतिक महत्व का अध्ययन किया गया है। बारसूर की जीवंत विरासत के रखरखाव में आने वाली चुनौतियों को समझा है। इस प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी भिलाई ऐतिहासिक विरासत के सावधानीपूर्वक दस्तावेजीकरण में शासन की मदद करेगा। यह प्रोजेक्ट प्रसिद्ध संरक्षणवादी शिवी जोशी की अध्यक्षता में धरोहर संरक्षण समिति की साझेदारी में शुरू की गई है।

Published on:
18 Feb 2025 03:09 pm
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