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जर्मनी के टॉप साइंटिस्ट के साथ रिसर्च करेंगे भिलाई आईआईटी के छात्र.. डिफेंस से लेकर एग्रीकल्चर तक होगा शोध

CG Education 2023 : आईआईटी भिलाई के स्टूडेंट्स और फैकल्टी के रिसर्च को बेहतर बनाने में अब जर्मनी मदद करेगा।

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जर्मनी के टॉप साइंटिस्ट के साथ रिसर्च करेंगे भिलाई आईआईटी के छात्र

जर्मनी के टॉप साइंटिस्ट के साथ रिसर्च करेंगे भिलाई आईआईटी के छात्र

भिलाई। CG Education 2023 : आईआईटी भिलाई के स्टूडेंट्स और फैकल्टी के रिसर्च को बेहतर बनाने में अब जर्मनी मदद करेगा। रिसर्च में वल्र्ड लेवल की सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इसके लिए जो फंड जरूरी होगा, उसकी व्यवस्था भी करेगा। इसको लेकर हाल ही में आईआईटी भिलाई और जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस के बीच एमओयू साइन हुआ है। इस एमओयू के बाद अब आईआईटी भिलाई के स्टूडेंट्स जर्मनी से स्कॉलरशिप हासिल कर वहां पढ़ाई कर सकेंगे।

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विभिन्न प्रोजेक्ट को लेकर साइंटिस्ट इन्हें ट्रेंड करेंगे। बायोसाइंस और कनेक्टेड फार्मा सहित विभिन्न एरिया में नई रिसर्च शुरू होगी। एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रो. राजीव प्रकाश दिल्ली स्थित जर्मन एंबेसी पहुंचे। वहां एक भव्य कार्यक्रम कराया गया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों के संकाय प्रभारी रुकमणकेश और जर्मन एक्सचेंज सर्विस के उपमहासचिव डॉ. माइकल हार्मस ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।

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क्या होगा एमओयू से फायदा

इस समझौते के साथ ही अब जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज और आईआईटी भिलाई आपसी वैज्ञानिक हितों के क्षेत्रों में दोनों देशों के वैज्ञानिकों के बीच अकादमिक और वैज्ञानिक सहयोग बनाएंगे। इस एमओयू में तय किया गया है कि जर्मन एक्सजेंस सर्विस आईआईटी भिलाई को फर्दर स्टडी के लिए स्कॉलरशिप मुहैया कराएगा। जर्मनी के विश्वविद्यालयों में वे रिसर्च कर सकेंगे। इसमें बायो मेडिकल साइंस, मटेरियल साइंस सहित एग्रीकल्चर इनहैसमेंट को बढ़ावा भी दिया जाएगा। नई रिसर्च से मिलने वाले निष्कर्ष का लाभ भारत और जर्मनी साझा करेंगे। रिसर्च की कामयाबी के लिए जर्मनी आईआईटी के फैकल्टी और स्टूडेंट्स के लिए फंडिंग की व्यवस्था भी करेगा।

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शास्वत को मिली है स्कॉलरशिप
आईआईटी भिलाई ने अभी जर्मन एकेडमिक सर्विसेज से एमओयू किया है, लेकिन इससे पहले आईआईटी के छात्र शास्वत जायसवाल को इस सर्विस के जरिए स्कॉलरशिप मिल चुकी है। बीटेक ऑनर्स के छात्र शास्वत ने रिसर्च प्रोजेक्ट के तौर पर जर्मनी में काम भी किया है। यह एक समर प्रोजेक्ट था, जिसमें उसकी रिसर्च वर्क से लेकर वहां रहने और पढ़ाई करने के तमाम इंतेजाम जर्मन सर्विस ने किए। अब शास्वत के बाद आईआईटी के अन्य छात्रों और फैकल्टी को भी इसका लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर भारत के मित्र देश जर्मनी से कुछ सीखने और उन्हें कुछ बेहतर सिखाने का मौका होगा।

आईआईटी भिलाई और जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस के बीच हुआ एमओयू विद्यार्थियों और फैकल्टी के लिए रिसर्च के दायरे को काफी बढ़ा देगा। हमारे छात्र जर्मनी से रिसर्च कर सकेंगे। शोध के लिए फंड भी जर्मनी ही देगा।
- प्रो. राजीव प्रकाश, डायरेक्टर, आईआईटी भिलाई