Vegetables Price Hike: बारिश के कारण सब्जियों की फसल तबाह हुई है। इससे लोकल आवक खत्म हो गई है। ऐसे में पूरा बाजार बाहरी आवक पर निर्भर है। ऐसे में कीमत बढऩा स्वाभाविक है।
Vegetables Price Hike: त्योहारी सीजन में लोगों को महंगाई की मार का सामना करना पड़ रहा है। बारिश में बाढ़ के कारण सब्जियों की फसल तबाह हो गई है। इससे टमाटर, प्याज सहित अन्य सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। वहीं सरकार ने खाद्य तेलों में एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी कर दी है। इससे लगभग सभी खाद्य तेल की कीमत में प्रति टीन 300 रुपए तक बढ़ोतरी हो गई है।
इसके अलावा त्योहारों में ज्यादा खपत वाले किराना के कई सामनों में भी 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि हुई है। सप्ताहभर पहले तक 30 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर रविवार को ही थोक में ही 52 से 55 रुपए किलो तक बिका। प्रदेश के अन्य हिस्सों के अलावा जिले को सप्लाई करने वाले महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटका और तेलंगाना में भी बारिश के प्रभाव पड़ा है।
जिले में टमाटर की बंपर पैदावार होती है, लेकिन इस बार बारिश और बाढ़ के कारण टमाटर की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है। इससे जिले में इसका उत्पादन फिलहाल शून्य हो गया है। हरी सब्जियों में गोभी, पत्ता गोभी, मूनगा, करेला, भिंडी, लौकी, कद्दू सभी बाहर से मंगाना पड़ रहा है। पितृ पक्ष के कारण लाल बरबट्टी और तोरई की डिमांड बढ़ी है। इसकी कीमत भी बढ़ गई है। प्याज की भी कीमत 10 से 15 रुपए किलो तक बढ़ा है।
दुर्ग के व्यापारी अशोक जैन ने कहा कि त्योहार के सीजन में उपयोगी खाद्य पदार्थों की कीमत में हर बार बढ़ोतरी हो जाती है। खासकर पकवानों में इस्तेमाल होने वाले चीजों की। तेल की कीमत पहले ही बढ़ी हुई है। मैदा, आटा, चीनी की भी कीमत बढ़ी है। कीमत का बाजार में असर नहीं है।
इधर तेल की कीमत में बढ़ोतरी के साथ त्योहारों में ज्यादा खपत वाले खाद्य सामग्रियों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। खासकर त्योहारी पकवान के लिए उपयोगी सामग्रियों की कीमत में 15 से 50 फीसदी बढ़ोतरी की जानकारी सामने आ रही है। व्यापारियों के अनुसार दालों की कीमतों में भी पखवाड़ेभर में आंशिक उछाल आया है। मैदा, आटा के अलावा चीनी और गुड़ के कीमत में भी 5 से 7 रुपए किलो तक बढ़ोतरी बताई जा रही है।
थोक सब्जी व्यापारी संघ के पूर्व अध्यक्ष नासिर खोखर ने कहा कि जिले के साथ दूसरे प्रदेशों में भी बारिश के कारण सब्जियों की फसल तबाह हुई है। इससे लोकल आवक खत्म हो गई है। ऐसे में पूरा बाजार बाहरी आवक पर निर्भर है। ऐसे में कीमत बढऩा स्वाभाविक है। बाहरी टमाटर से व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। त्योहारों तक सब्जियों की कीमत घटने की संभावना कम है।
सब्जी पहले अब(रुपए प्रति किलो)
टमाटर 30 52 से 55
प्याज 40 50 से 55
लहसून 200 300
गोभी 30 से 40 60 से 70
मूनगा 35 से 40 50 से 60
करेला 25 से 30 35 से 40
लाल बरबट्टी 30 से 40 50 से 70
तोरई 30 से 40 50 से 70
तेल
ब्रांड पहले अब (प्रति टीन)
फार्च्यन 1600 1850 से 1900 रुपए
पाम आइल 1600 1900 रुपए
कीर्ति गोल्ड 1500 1850 से 1900 रुपए
एबीस 1650 1950 रुपए
सरकार ने खाद्य तेलों में एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। पहले कच्चे तेल में कोई एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती थी। इसे अब 20 फीसदी कर दिया है। वहीं रिफाइंड तेलों की सीमा शुल्क को बढ़ाकर 12.50 फीसदी से 32.50 फीसदी कर दिया है। इससे खाद्य तेलों की कीमतों में एकमुश्त 20 फीसदी तक कीमत बढ़ गई है। यानि खाद्य तेल के टीन में 300 रुपए और प्रति किलो 18 रुपए तक बढ़ोतरी हो गई है।