भिलाई

Hanuman Janmotsav 2025: 1866 में हुई बजरंगबली की प्राण प्रतिष्ठा, शामिल हुए थे कई तपस्वी साधु संत

Hanuman Janmotsav 2025: भिलाई नगर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से है। संकट मोचन हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ग्राम आमदी (अब सेक्टर-9) के तत्कालीन लंबरदार व मालगुजार स्व. रायसाहब दाऊ माधोप्रसाद चंद्राकर ने 1866 में किया था।

2 min read
Apr 12, 2025

Hanuman Janmotsav 2025: संकट मोचन हनुमान मंदिर सेक्टर-9 लोगों की आस्था के साथ शहर की राजनीति की आस्था का भी प्रमुख केंद्र बन गया है। लोग यहां दर्शन के लिए कतार लगाए रहते हैं तो राजनीति से जुड़े लोग भी विभिन्न आयोजन कर अपनी आस्था प्रकट करते हैं। आज शनिवार को श्रीराम भक्त हनुमानजी का जन्मोत्सव है। संकट मोचन हनुमान मंदिर में हनुमानजी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने की तैयारी की गई है।

श्रीहनुमान जन्मोत्सव पर शनिवार को अलसुबह 3.45 बजे पूजा शुरू होगी। सबसे पहले पूजा स्व. राय साहब दाऊ माधोप्रसाद चंद्राकर एवं गजरा बाई चंद्राकर निजी न्यास के सदस्य करेंगे। उसके बाद आम भक्त दर्शन पूजा करेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा में आए थे कई साधु संत

यह भिलाई नगर के सबसे प्राचीन मंदिरों में से है। संकट मोचन हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ग्राम आमदी (अब सेक्टर-9) के तत्कालीन लंबरदार व मालगुजार स्व. रायसाहब दाऊ माधोप्रसाद चंद्राकर ने 1866 में किया था। मंदिर न्यास के व्यवस्थापक नितीश चंद्राकर बताते हैं कि इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में कई तपस्वी साधु संत शामिल हुए थे।

मंदिर की देखरेख के लिए 1971 में बनाया गया न्यास

दाऊ माधोप्रसाद चंद्राकर के निधन के बाद तत्कालीन मालगुजार स्व. दाऊ लालराम चंद्राकर और स्व. दाऊ बिष्णुप्रसाद चंद्राकर मंदिर की देखरेख करते रहे। अब इस मंदिर की देखरेख इनके वंशज कर रहे हैं। मंदिर का बेहतर देखरेख हो इसके लिए दाऊ माधोप्रसाद के वंशज डॉ. जीवनलाल चंद्राकर ने 13 सितंबर 1971 को न्यास का विधिवित गठन किया। अभी इस न्यास के अध्यक्ष डॉ. भूधर लाल चंद्राकर व न्यास के व्यवस्थापक नितीश चंद्राकर हैं।

नर्मदा प्रसाद तिवारी इस मंदिर के पहले पुजारी

इस मंदिर की पूजा के लिए दाऊ माधोप्रसाद चंद्राकर ने नर्मदा प्रसाद तिवारी को पुजारी नियुक्त था। अभी उनके परिवार के सदस्य कमलकांत तिवारी और कृष्णकांत तिवारी न्यास की सहमति से देखरेख कर रहे हैं।

वर्ष 1951 में जब भिलाई स्टील प्लांट की स्थापना हुई तब अन्य गांवों के साथ आमदी गांव को अधिग्रहित किया गया। आमदी गांव में बीएसपी ने अस्पताल का निर्माण किया। बताया जाता है कि अस्पताल निर्माण के समय इस मंदिर को दूसरी जगह व्यवस्थापित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन बाद में मंदिर को यथास्थिति रखने का निर्णय लिया गया।

Published on:
12 Apr 2025 01:35 pm
Also Read
View All

अगली खबर