- शत-प्रतिशत जनाधार प्रमाणन के निर्देश, लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी
सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों और कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं को यूनिफॉर्म (सिलाई सहित) व स्कूल बैग खरीदने के लिए 800 रुपए प्रति विद्यार्थी देने का निर्णय लिया था। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से विद्यार्थियों के बैंक खातों में जमा होनी है। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आत्मसम्मान से शिक्षा से जोड़ना है। कुल 70 लाख पात्र विद्यार्थियों में से 14 लाख विद्यार्थियों के खाते में यह राशि नहीं पहुंच पाई थी। ऐसे में इन छात्रों के खातों को जनाधार से लिंक करने के निर्देश दिए है।
जनाधार लिंकिंग में गड़बड़ी बनी अड़चन
वित्तीय सहायता के लिए विद्यार्थी का बैंक खाता जनाधार से लिंक और अधिप्रमाणित होना जरूरी है। हालांकि, बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के खाते अब तक अधिप्रमाणित नहीं हुए हैं। इस तकनीकी खामी के चलते 14 लाख विद्यार्थी योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए। भीलवाड़ा जिले में इनकी संख्या 79 हजार 474 है। इनमें कक्षा 1 से 8 तक 10 हजार 947 तथा कक्षा 9 से 12 तक 68 हजार 257 है।
विभाग ने सख्ती के साथ काम के निर्देश
शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और पदेन जिला परियोजना समन्वयकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे शेष विद्यार्थियों का जनाधार शाला दर्पण पोर्टल पर शीघ्र अधिप्रमाणित कराएं। स्कूल स्तर पर निगरानी रखकर प्रक्रिया में तेजी लाएं। यदि किसी अधिकारी ने इस कार्य में लापरवाही बरती, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जल्द प्रमाणित के लिए विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के लिए जागरूक किया जाए।