भीलवाड़ा

अमरगढ़ किले से 600 साल पुरानी भगवान जगमोहन की बेशकीमती मूर्ति चोरी, 11 साल पहले मूर्ति के हाथ ले गए थे चोर

Amargarh Fort: चोरों ने किले के मंदिर से नीलम निर्मित जगमोहन भगवान की मूर्ति उखाड़ी। इससे दोनों पंजे वहीं रह गए।

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Bhilwara News: भीलवाड़ा। शक्करगढ़ थाना क्षेत्र में अमरगढ़ चौकी के निकट ऐतिहासिक किले से 600 साल पुरानी जगमोहन भगवान मूर्ति व आभूषण चोरी हो गए। भगवान की तीन फीट की मूर्ति नीलम की बनी हुई थी। चोरों ने किले के मंदिर से नीलम निर्मित जगमोहन भगवान की मूर्ति उखाड़ी। इससे दोनों पंजे वहीं रह गए। इसके पास सामान्य पत्थर से बनी राधा रानी की मूर्ति सुरक्षित है। मूर्ति चोरी की सूचना बुधवार सुबह ग्रामीणों को मिली तो रोष फैल गया। लोगों ने विरोध में बाजार बंद कर दिए व प्रदर्शन किया।

जहाजपुर पुलिस उपाधीक्षक अजीतसिंह मेघवंशी, थाना प्रभारी हेमराज मीणा एवं एफएसएल टीम पहुंची। ग्रामीणों ने चोरी की वारदात का तीन दिन में खुलासा नहीं होने पर अमरगढ़ कस्बे को बंद रखकर जिला मुयालय पर प्रदर्शन की चेतावनी दी। खजूरी नायब तहसीलदार बनवीर सिंह राठौड़, गिरदावर दिनेश पारीक पटवारी अनीता धायल, भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष नंद भंवर सिंह, गोपाल सिंह नरूका आदि मौके पर पहुंचे।

किले के राव रूपेंद्र सिंह कानावत ने बताया कि चोर मंगलवार रात अमरगढ़ किले में घुसे। मेन गेट का ताला मंदिर से 600 साल पुरानी बेशकीमती मूर्ति उखाड़ ले गए। भगवान का मुकुट, चांदी की बांसुरी, राधा रानी का चांदी का मुकुट, पायजेब, कड़ा व अन्य आभूषण भी चुरा ले गए। सुबह पुजारी राजेंद्र सिंह किले पर पहुंचे तो घटना का पता चला।

रिपोर्ट दर्ज कराने थाने भेजा

वारदात के बाद जहाजपुर डिप्टी मेघवंशी ने परिवादी कानावत को 25 किमी दूर थाने भेज ऑनलाइन रिपोर्ट कराने को कहा। मालूम हो, एक जुलाई से लागू नए कानून में घटना की रिपोर्ट परिवादी ऑनलाइन भेजकर किसी भी थाने में दर्ज करा सकता है।

तीसरी बार चोरी

किले के मंदिर में वर्ष 2013 में इसी मूर्ति के दोनों हाथ चोर ले गए थे। पुलिस ने पांच जनों को गिरफ्तार कर हाथ बरामद किए थे। मामला अभी कोर्ट में लंबित है। इस बीच मंदिर में फिर मूर्ति के आभूषण चोरी हो गए थे। मंगलवार को इस मंदिर में चोरी की तीसरी वारदात हुई।

महाराणा उदयसिंह के वंशज ने रखवाई थी

महाराणा उदयसिंह के वंशज कानसिंह ने किले का 600 साल पहले निर्माण कराया। इससे पूर्व मंदिर की स्थापना की और भगवान जगमोहन की नीलम की मूर्ति लगवाई। इस स्थान को चमत्कारिक माना गया और बाद में यहां किले का निर्माण करवाया।

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