मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन, समान वेतनमान की मांग
माध्यमिक शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रयोगशाला सहायकों ने वेतनमान में चल रही विसंगतियों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। संघ का कहना है कि अध्यापक (ग्रेड-III) और प्रयोगशाला सहायक से पदोन्नत होकर बने वरिष्ठ अध्यापकों के वेतनमान में अनुचित अंतर किया जा रहा है, जिसे तुरंत दूर किया जाए।
पदोन्नति में भेदभाव का आरोप
राजस्थान प्रयोगशाला सहायक संघ के सदस्य पाबूदानसिंह राठौड़ ने बताया कि जिन प्रयोगशाला सहायकों की पदोन्नति सेकंड एसीपी से पूर्व वरिष्ठ अध्यापक पद पर हो जाती है, उनका वेतनमान अध्यापक (ग्रेड-III) से पदोन्नत वरिष्ठ अध्यापक के बराबर है। लेकिन जिनकी पदोन्नति सेकंड एसीपी के बाद होती है, उनका वेतनमान थर्ड एसीपी में अध्यापक से पदोन्नत वरिष्ठ अध्यापक की तुलना में एक लेवल कम कर दिया जाता है।
एक ही भर्ती, अलग-अलग वेतनमान
संघ का कहना है कि एक ही भर्ती प्रक्रिया से चयनित प्रयोगशाला सहायकों की पदोन्नति अलग-अलग समय और अलग-अलग विषयों में होती है। पदोन्नति समय के आधार पर वेतनमानों में अंतर रखना अनुचित है। इससे एक ही सेवा श्रेणी में कार्यरत कर्मचारियों के बीच असमानता की स्थिति बन रही है।
संघ की मुख्य मांगें
प्रयोगशाला सहायकों से पदोन्नत वरिष्ठ अध्यापकों का वेतनमान अध्यापक (ग्रेड-III) से पदोन्नत वरिष्ठ अध्यापकों के समान किया जाए। पदोन्नति समय या एसीपी के आधार पर वेतनमान में अंतर समाप्त किया जाए। एक ही भर्ती से चयनित कर्मचारियों के बीच समानता स्थापित हो।
मुख्यमंत्री से सकारात्मक पहल की उम्मीद
संघ पदाधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर शिक्षकों और प्रयोगशाला सहायकों के बीच समानता सुनिश्चित करेंगे।