- स्पेन्ट ऑयल, वेस्ट बैटरी व अपशिष्ट जल के सुरक्षित निस्तारण के निर्देश - प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का भी आह्वान
भीलवाड़ा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से शुक्रवार को ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर संचालकों के साथ एक जागरूकता बैठक हुई। इसका उद्देश्य सर्विस सेंटरों की ओेर से पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करना और इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित करना रहा।
पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों की जानकारी
बैठक में बोर्ड अधिकारियों ने उपस्थित सर्विस सेंटर संचालकों को ऑटोमोबाइल सर्विस सेक्टर से संबंधित प्रमुख पर्यावरणीय प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि सर्विस सेंटरों में उत्पन्न अपशिष्ट का सही निस्तारण पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में अहम कदम है। इस दौरान कई बिंदुओं पर विशेष जोर दिया। इनमें स्पेन्ट ऑयल, वेस्ट बैटरी व ऑयल फिल्टर का केवल अधिकृत रीसाइक्लर को सुरक्षित निस्तारण किया जाए। अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (ईटीपी) का नियमित संचालन किया जाए। उत्पन्न अपशिष्ट का सही वर्गीकरण व अभिलेख संधारण अनिवार्य रूप से किया जाए। अधिकारियों ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में वाहनों से होने वाला उत्सर्जन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारणों में से एक है। ऐसे में सर्विस सेंटरों की भूमिका वायु प्रदूषण नियंत्रण में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पर्यावरण सुधार के लिए आवश्यक
क्षेत्रीय अधिकारी दीपक घनेटवाल का कहना है कि सर्विस सेंटरों से निकलने वाला स्पेन्ट ऑयल और वेस्ट बैटरी यदि अनुचित तरीके से फेंकी जाएं तो यह भूमिगत जल और मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की यह पहल न केवल औद्योगिक जागरूकता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि हरित राजस्थान अभियान के उद्देश्यों को भी आगे बढ़ाती है।
बैठक में उपस्थित संचालकों से अपील की गई कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग और प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दें। साथ ही अपने प्रतिष्ठानों पर ईवी चार्जिंग प्वाइंट की स्थापना और स्वच्छ ऊर्जा संसाधनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया।